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तंबाकू उत्पाद होंगे चेतावनी से भरपूर

बीड़ी-सिगरेट और गुटखा जैसे तंबाकू उत्पादों के खतरे को ले कर मोदी सरकार ने जबर्दस्त गंभीरता दिखाई है। एक अप्रैल से ऐसे सभी उत्पादों के पैकेट पर सिर्फ चेतावनी ही चेतावनी दिखाई देगी। अभी इन उत्पादों के सिर्फ एक तरफ 40 फीसदी हिस्से में यह चेतावनी होती है, जबकि नए नियमों के मुताबिक पैकेट के दोनों तरफ

By anand rajEdited By: Published: Thu, 16 Oct 2014 09:38 AM (IST)Updated: Thu, 16 Oct 2014 09:39 AM (IST)
तंबाकू उत्पाद होंगे चेतावनी से भरपूर

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। बीड़ी-सिगरेट और गुटखा जैसे तंबाकू उत्पादों के खतरे को ले कर मोदी सरकार ने जबर्दस्त गंभीरता दिखाई है। एक अप्रैल से ऐसे सभी उत्पादों के पैकेट पर सिर्फ चेतावनी ही चेतावनी दिखाई देगी। अभी इन उत्पादों के सिर्फ एक तरफ 40 फीसदी हिस्से में यह चेतावनी होती है, जबकि नए नियमों के मुताबिक पैकेट के दोनों तरफ 85 फीसदी हिस्से में इन्हें छापना जरूरी होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, (कोटपा) 2003 में इस बदलाव का एलान किया। उन्होंने कहा कि तंबाकू उत्पाद का सेवन करने की वजह से जितनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है और लोग बीमार हो रहे हैं, उसे देखते हुए ऐसे कदम बेहद जरूरी हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अगले साल एक अप्रैल से यह अधिसूचना प्रभावी होगी। कंपनियों को नई चेतावनी लागू करने के लिए इतना समय दिया गया है।

नई अधिूसचना के मुताबिक ऐसे सभी उत्पादों के पैकेट पर दोनों तरफ 85 फीसदी हिस्से में निर्धारित चेतावनी छापनी होगी। इसमें से 60 फीसदी हिस्से में वे तस्वीरें होंगी, जिनमें कैंसर का रौद्र रूप दिखाया गया है। जबकि बाकी के 25 फीसदी हिस्से में चेतावनी शब्दों में लिखी होगी। बीड़ी और सिगरेट जैसे धुम्रपान वाले उत्पादों पर लिखा होगा कि 'धुम्रपान से गले का कैंसर होता है'। इसी तरह गुटखा और सुगंधित तंबाकू जैसे उत्पादों की पैकिंग पर लिखा होगा कि 'तंबाकू से मुंह का कैंसर होता है'।

गैर सरकारी संगठन वोलंट्री हेल्थ एसोसिएशन आफ इंडिया (वीएचएआइ) की कार्यकारी निदेशक भावना मुखोपाध्याय ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि तंबाकू उपयोग को सीमित करने के लिहाज से यह ऐतिहासिक फैसला है। विभिन्न अध्ययनों में साबित हो चुका है कि पैकिंग पर सचित्र चेतावनी जितनी प्रमुखता से छापी जाए, खास कर नए उपयोगकर्ताओं पर यह उतनी ही प्रभावी होती है। इसी तरह नई चेतावनी तैयार करने के लिए मंत्रालय की ओर से गठित समिति में शामिल रहे डा. पंकज चतुर्वेदी कहते हैं कि इस फैसले के बाद भारत इस लिहाज से शीर्ष देशों में शामिल हो जाएगा।

पिछले हफ्ते जारी 'सिगरेट पैकिंग स्वास्थ्य चेतावनी : अंतरराष्ट्रीय दशा' रिपोर्ट में दुनिया भर के 198 देशों में से भारत को इस लिहाज से 136वें नंबर पर रखा गया है। लेकिन सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 में इस संशोधन के बाद दुनिया में अव्वल नंबर पर होगा। अभी थाइलैंड अकेला ऐसा देश है, जहां तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर 85 फीसदी हिस्से में ऐसी चेतावनी छापी जाती है।

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