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छोटे, मझोले कारोबारियों पर बोझ कम करने के लिए जीएसटी दरों में बदलाव जरूरी

केंद्र सरकार ने एक बार फिर स्वीकार किया है कि जीएसटी की व्यवस्था में बदलाव की गुंजाइश है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 23 Oct 2017 06:59 AM (IST)Updated: Mon, 23 Oct 2017 06:59 AM (IST)
छोटे, मझोले कारोबारियों पर बोझ कम करने के लिए जीएसटी दरों में बदलाव जरूरी
छोटे, मझोले कारोबारियों पर बोझ कम करने के लिए जीएसटी दरों में बदलाव जरूरी

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने एक बार फिर स्वीकार किया है कि जीएसटी की व्यवस्था में बदलाव की गुंजाइश है। राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने रविवार को कहा कि छोटे और मझोले कारोबारियों पर बोझ कम करने के लिए जीएसटी की दरों में बदलाव जरूरी है। अढिया के मुताबिक, जीएसटी की व्यवस्था को स्थिर होने में सालभर का वक्त लग जाएगा। केंद्र और राज्यों के कई अप्रत्यक्ष करों को समाहित करते हुए इस साल एक जुलाई को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किया गया था।

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एक साक्षात्कार में अढिया ने कहा, 'दरों में कुछ सुधार की आवश्यकता है। संभव है कि एक ही श्रेणी के कुछ उत्पादों पर अलग-अलग दरें प्रभावी हों। इनमें एकरूपता की जरूरत है। साथ ही जहां भी छोटे और मझोले कारोबारियों या आम जनता पर बोझ ज्यादा लग रहा हो, वहां दरों को नीचे लाकर जीएसटी की स्वीकार्यता को बढ़ाया जा सकेगा।' बता दें कि लागू किए जाने के बाद से जीएसटी की व्यवस्था लगातार चुनौतियों से जूझ रही है। इस टैक्स पर फैसला लेने वाली सर्वोच्च संस्था जीएसटी काउंसिल समय-समय पर इसमें कई बदलाव भी कर चुकी है। छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए टैक्स भरने व जीएसटी रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया को आसान बनाने जैसे उपाय किए गए हैं। जीएसटी को कारोबारी जगत के अनुकूल बनाने के लिए भी काउंसिल ने कई कदम उठाए हैं। जीएसटी काउंसिल ने 100 से ज्यादा जिंसों पर प्रभावी दरों में बदलाव किया है। निर्यातकों के लिए रिफंड प्रक्रिया को आसान बनाया गया है।

दरों में एकरूपता पर जोर

दरों में किसी भी तरह के बदलाव पर फैसला काउंसिल को ही करना है। उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि यह जितनी जल्दी हो, उतना अच्छा। हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि जीएसटी काउंसिल को इस संबंध में हिसाब-किताब में कितना समय लगेगा। उन्हें आंकड़े जुटाने होंगे, राजस्व हानि की गणना करनी होगी। उन्हें कई आंकड़ों के बीच तुलना भी करनी होगी। लेकिन जो भी हो, दरों में एकरूपता आनी चाहिए।'

सबके लिए नई है व्यवस्था

जीएसटी की व्यवस्था को स्थिर होने में लगने वाले वक्त के बाबत सवाल पर अढिया का जवाब था, 'यह सभी के लिए नई व्यवस्था है। जीएसटी के तहत टैक्स व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव हो रहा है, इसलिए एक साल का वक्त चाहिए।' वित्त मंत्री अरुण जेटली के नेतृत्व में जीएसटी काउंसिल की 23वीं बैठक 10 नवंबर को गुवाहाटी में होगी। इस बैठक के दौरान दरों में बदलाव पर फैसला लिया जा सकता है।

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