समुद्री सीमा की सुरक्षा के लिए कोस्ट गार्ड को सशक्त बनाया जाए
भारतीय तटरक्षक बल देश की 7,516 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा की सुरक्षा करता है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। आंतरिक सुरक्षा से जुड़े केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के प्रमुखों की समिति ने समुद्री सीमा की हिफाजत के लिए नया फोर्स गठित करने के बजाय कोस्ट गार्ड (तटरक्षक बल) को ही और सशक्त बनाने की सिफारिश की है। गृह मंत्रालय को यह रिपोर्ट भेज दी गई है। समिति की अगस्त में हुई बैठक में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) की तर्ज पर कोस्टल बॉर्डर पुलिस फोर्स (सीबीपीएफ) गठित करने का प्रस्ताव रखा गया था।
सीएपीएफ में बीएसएफ और आइटीबीपी जैसे अर्धसैनिक बल आते हैं। समिति में इन बलों के महानिदेशक शामिल हैं। हाल में हुई बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि समुद्री सीमा पर आतंकरोधी और सुरक्षा से जुड़े अन्य खतरों से निपटने के लिए कोस्ट गार्ड सबसे सक्षम और बेहतर साबित हो सकता है। समिति के सदस्यों ने तटरक्षक बल को और सशक्त बनाने के लिए निगरानी और सुरक्षा से जुड़े अत्याधुनिक उपकरण मुहैया कराने के साथ ही कानूनी अधिकार देने की भी बात कही है।
सूत्रों ने बताया कि समिति ने प्रतिकूल परिस्थितियों में कोस्ट गार्ड को प्रभावी मदद मुहैया कराने के लिए सीआइएसएफ और बीएसएफ की तर्ज पर सीएपीएफ की तैनाती का भी प्रस्ताव किया है। सशस्त्र बल के जवानों को बाहरी विशेषज्ञ के तौर पर कुछ समय के लिए कोस्ट गार्ड में भेजने पर भी विचार किया गया। इस रिपोर्ट पर निर्णय लेने के लिए मंत्रालय जल्द ही बैठक बुला सकता है।
भारतीय तटरक्षक बल देश की 7,516 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा की सुरक्षा करता है। समुद्री क्षेत्र में देश के हितों की सुरक्षा के साथ कानून का पालन भी कराता है। विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र भी कोस्ट गार्ड के अधिकार क्षेत्र में ही आता है। इसके अलावा तकरीबन 1,200 द्वीपों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी इसके पास ही है।
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