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राम मंदिर निर्माण पर हुंकार तेज, दिल्ली के बाद जम्मू को भगवा रंग में रंगने की तैयारी

अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए जम्मू को भी भगवा रंग में रंगने की तैयारी शुरू हो गई है। केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए संत महात्मा जम्मू में एकत्र हो रहे हैं।

By Arti YadavEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 10:24 AM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 10:43 AM (IST)
राम मंदिर निर्माण पर हुंकार तेज, दिल्ली के बाद जम्मू को भगवा रंग में रंगने की तैयारी
राम मंदिर निर्माण पर हुंकार तेज, दिल्ली के बाद जम्मू को भगवा रंग में रंगने की तैयारी

जम्मू, जागरण संवाददाता। अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश और दिल्ली के बाद जम्मू को भी भगवा रंग में रंगने की तैयारी शुरू हो गई है। केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए संत महात्मा जम्मू में एकत्र हो रहे हैं।

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16 दिसंबर को परेड में कार्यक्रम की अगुवाई करने के लिए विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज आ रहे हैं। इसके अलावा जगद्गुरु रामनंदचार्य स्वामी हंसदेवचार्य जी हरिद्वार वाले भी शिरकत कर रहे हैं। वे कार्यक्रम में अपनी बात हिंदू समाज के समक्ष रखेंगे। वह अखिल भारतीय संत समिति के संरक्षक भी हैं।

इसके अलावा जम्मू कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से संत महात्मा भी भाग लेंगे और राम मंदिर बनाने के मुद्दे पर अपने विचार रखेंगे। विशाल धर्म सभा के आयोजन के लिए तैयारियां की जा रही हैं। संत महात्माओं को निमंत्रण भेजे जा रहे हैं। कार्यक्रम में 50 हजार लोगों को शामिल करने का लक्ष्य है। इसी के अनुरूप तैयारियां चल रही हैं। इसी बीच हिंदू जागरण मंच की एक बैठक भी हुई, जिसकी अध्यक्षता महामंत्री अजय मन्हास ने की।

भगवा रंग में रंगा रामलीला मैदान
दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को हुई धर्मसभा ने इतिहास रच दिया है। विश्व हिंदू परिषद् (VHP) का दावा है कि वर्ष 1977 में हुए जय प्रकाश नारायण आंदोलन के बाद ऐसा जन सैलाब शायद ही किसी और आंदोलन में दिखा हो। रविवार को राम मंदिर के लिए रामलीला मैदान में रामभक्तों का जत्था राजघाट, आइटीओ और मिलेनियम बस डिपो तक दिखाई दे रहा था। तीन से चार किलोमीटर तक लोग पैदल चलकर रामलीला मैदान पहुंचे।

खास बात यह है कि जो इस आंदोलन में लोग पहुंचे उन्हें न तो कोई पद चाहिए था और न ही किसी और प्रकार का लालच था। हर किसी की एक ही लालसा भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनवाने की थी। विहिप का कहना है कि रामभक्त 13 हजार बसों से रामलीला मैदान पहुंचे थे। कई जगहों से यह सूचना मिली है कि एक हजार बसें रास्ते में जाम होने की वजह से रामलीला मैदान तक नहीं पहुंच सकीं।


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