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Coronavirus: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इकोनॉमिक पैकेज से पहले हेल्थ पैकेज जरूरी

विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना ने विकराल रूप ले लिया तो आयुष्मान योजना छोटी पड़ जाएगी। ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी है कोरोना से खुद को दूर रखने की।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 24 Mar 2020 08:46 PM (IST)Updated: Tue, 24 Mar 2020 09:19 PM (IST)
Coronavirus: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इकोनॉमिक पैकेज से पहले हेल्थ पैकेज जरूरी
Coronavirus: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इकोनॉमिक पैकेज से पहले हेल्थ पैकेज जरूरी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विशेषज्ञों का मानना है कि अभी हमारी प्राथमिकता वित्तीय चुनौती से ज्यादा स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से निपटने की होनी चाहिए। कोरोना को हराने की होनी चाहिए। क्योंकि जान बची रहेगी तो अर्थव्यवस्था में आसानी से फिर से जान फूंकी जा सकेगी।

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भारत के सामने कोरोना के कहर से अपने लोगों को बचाने की चुनौती

विशेषज्ञों ने बताया कि अभी पूरी दुनिया कोरोना से लड़ रही है। दुनिया के साथ भारत के सामने भी अपने लोगों को बचाने की चुनौती है। दुनिया के देशों में कोरोना के कहर को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधा कम नहीं पड़ जाए, इसकी चुनौती है। कम से कम लोगों को अस्पताल जाने की जरूरत पड़े, इसके लिए लोगों को जागरूक करने की चुनौती है। इलाज के व्यापक इंतजाम की जरूरत है।

सरकार कारोबार और व्यापार को बचाने की चिंता कर रही है- विशेषज्ञ

विशेषज्ञों ने बताया कि कल संसद सत्र समाप्त हुआ और उसके 24 घंटे के भीतर ही विभिन्न प्रकार की आर्थिक घोषणाएं कर दी गई। सरकार कारोबार और व्यापार को बचाने की चिंता कर रही है। यही वजह है कि सरकार लगातार स्थिति की समीक्षा कर रही है और इसके तहत विभिन्न प्रकार के टैक्स जमा करने की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया।

आर्थिक पैकेज के ऐलान से पहले जरूरी है हेल्थ पैकेज 

सरकारी विभागों में ठेके पर काम करने वालों को बिना काम के भी वेतन दिए जाएंगे। विशेषज्ञों जहां तक आर्थिक पैकेज का सवाल है, उस पर सरकार काम कर रही है और जल्द ही उसका ऐलान भी कर दिया जाएगा। लेकिन इकोनॉमिक पैकेज से पहले जरूरी है हेल्थ पैकेज या स्वास्थ्य पैकेज।

कोरोना से पीड़ित अस्पताल में भर्ती होने पर आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है

यह इसलिए भी जरूरी हो जाता है क्योंकि कोरोना से पीड़ित होने पर एक बार अस्पताल में भर्ती होने पर आपकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है। गरीब आदमी जो कि आयुष्मान के तहत कवर होता है उसे तो इसका लाभ मिल जाएगा, लेकिन मध्यम वर्ग या वैसे लोग जो आयुष्मान के तहत कवर नहीं होते हैं, उनके बारे में भी सोचने की आवश्यकता है। आधी आबादी आयुष्मान से कवर है तो आधी नहीं भी है।

कोरोना ने अपना विकराल रूप ले लिया तो आयुष्मान योजना छोटी पड़ जाएगी

विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना ने अपना विकराल रूप ले लिया तो आयुष्मान योजना छोटी पड़ जाएगी। ऐसे में, सबसे ज्यादा जरूरी है कोरोना से खुद को दूर रखने की। यह तभी संभव है जब आप सोशल डिस्टेंश बनाकर रखेंगे। पहले लोगों को हाथ धोने के लिए जागरूक किया गया और इसमें सफलता भी मिली। सोशल डिस्टेंश की सावधानी रखने में हम पूरी तरह कामयाब हो जाते हैं तो जल्द ही कोरोना की चेन को तोड़ने में हम सफल हो जाएंगे। परंतु ऐहतियात के तौर पर सरकार को इकोनामिक पैकेज से पहले हेल्थ पैकेज लाना चाहिए।


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