मणिपुर में TMC को ‘त्रिशंकु विधानसभा’ के हैं आसार
पिछले दो सालों से मणिपुर में टीएमसी नेताओं की नई टीम के साथ इस उम्मीद से कड़ी मेहनत में जुटी है कि त्रिशंकु विधानसभा की हालात में यह बड़ी भूमिका निभाएगी।
इंफाल (प्रेट्र)। राष्ट्रीय राजनीति में मुख्य भूमिका निभाने की चाहत के साथ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) मणिपुर में 2012 वाले अपने प्रदर्शन को दोहराना चाहती है ताकि विधानसभा चुनावों के बाद मुख्य विपक्षी दल के तौर पर उभर सके।
मणिपुर में 4 और 8 मार्च को होने वाले चुनाव में तृणमूल 60 सदस्यीय विधानसभा में से 24 सीटों पर है। 11 मार्च को परिणाम घोषित किए जाएंगे। 2012 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने सात सीटों पर जीत दर्ज करायी थी लेकिन बाद में इसके सभी विधायक या तो कांग्रेस में चले गए या फिर भाजपा में।
टीएमसी बंगाल की सत्ता में है ओर लोकसभा में 34 विधायकों के साथ संसद में भी अच्छी जगह रखती है। पिछले दो सालों से मणिपुर में नेताओं की नई टीम के साथ इस उम्मीद से कड़ी मेहनत में जुटी है कि त्रिशंकु विधानसभा की हालात में यह बड़ी भूमिका निभाएगी।
टीएमसी के उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने कहा, ‘7-8 सीटों को जीतने के लिए हम अच्छे हालात में हैं। हमारी समझ ओर ग्राउंड रिपोर्ट ने बताया कि न तो कांग्रेस और न ही भाजपा को बहुमत मिलने जा रहा है और इस मामले में त्रिशंकु विधानसभा होने के आसार हैं।‘
पार्टी नेतृत्व के अनुसार, नॉर्थइस्ट और इस्ट में उभरने के लिए मणिपुर काफी महत्वपूर्ण है। वरिष्ठ टीएमसी नेता ने बताया, ‘त्रिपुरा में, टीएमसी मुख्य विपक्षी पार्टी है और मणिपुर में भी यदि ऐसी जीत मिल जाए तो इससे हमारी पार्टी मजबूत बनेगी।‘
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