शोषण से तंग आकर गीतिका ने की आत्महत्या
दिल्ली पुलिस ने गीतिका आत्महत्या मामले की गुत्थी सुलझाने का दावा किया है। गोपाल कांडा के एमडीएलआर ग्रुप, घर व फार्म हाउस से बरामद हार्ड डिस्क व गीतिका के ई-मेल व अरुणा चड्ढा से पूछताछ के बाद पुलिस का कहना है कि गीतिका ने शोषण से परेशान होकर अपनी जान दी है। गोपाल कांडा व अरुणा चड्ढा लगातार गीतिका पर कंपनी ज्वाइन करने का दबाव डाल रहे थे, जबकि वह हर हाल में इन लोगों का साथ छोड़ना चाहती थी।
नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। दिल्ली पुलिस ने गीतिका आत्महत्या मामले की गुत्थी सुलझाने का दावा किया है। गोपाल कांडा के एमडीएलआर ग्रुप, घर व फार्म हाउस से बरामद हार्ड डिस्क व गीतिका के ई-मेल व अरुणा चड्ढा से पूछताछ के बाद पुलिस का कहना है कि गीतिका ने शोषण से परेशान होकर अपनी जान दी है। गोपाल कांडा व अरुणा चड्ढा लगातार गीतिका पर कंपनी ज्वाइन करने का दबाव डाल रहे थे, जबकि वह हर हाल में इन लोगों का साथ छोड़ना चाहती थी।
हालांकि, अभी पुलिस को कांडा के निजी कंप्यूटर की हार्ड डिस्क और तीन मोबाइल फोन बरामद नहीं हो पाए हैं। लिहाजा, पुलिस को रोहिणी अदालत से कांडा की तीन दिन की और रिमांड मिल गई है। पुलिस के अनुसार, कांडा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है। गीतिका द्वारा कंपनी को लौटाए गए मोबाइल फोन समेत उन तीन मोबाइल का अभी तक कुछ पता नहीं चला है जिनका प्रयोग कांडा कर रहा था। कांडा ने वह तीन फोन अपने कर्मचारियों के नाम पर ले रखे थे। जांच में कांडा के सहयोगी भी सहयोग नहीं कर रहे हैं।
दूसरी ओर कांडा ने रोहिणी अदालत में पेशी से पूर्व मीडिया में खुद को निर्दोष बताया। अधिकारियों के अनुसार उनके पास गीतिका के ई-मेल व कांडा द्वारा उसे किए गए 400 ऐसे एसएमएस हैं जिससे साफ है कि कांडा ने न सिर्फ झूठे आश्वासन दिए बल्कि धमकाया भी। एमडीएलआर कंपनी के असिस्टेंट एचआर मैनेजर शिवरूप ने अरुणा के कहने पर फर्जी आइडी बनाकर गीतिका को धमकी भरा ई-मेल भेजने की बात स्वीकार की है। पुलिस ने अंकिता से भी पूछताछ की सभी तैयारियां शुरू कर दी है।
पार्किग शुल्क के लिए कांडा को लिखा पत्र
नई दिल्ली। गीतिका आत्महत्या मामले में हर ओर से घिरे गोपाल कांडा पर जल्द एक और शिकंजा कस सकता है। डायल [दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड] ने कांडा की एयरलाइंस का 81 लाख रुपये बकाया चुकाने के लिए एमडीएलआर को पत्र भेजा है। कंपनी के दो विमान आइजीआइ एयरपोर्ट पर खड़े हैं। दिसंबर 2009 से 21 जुलाई, 2012 तक उसका पार्किग शुल्क 81 लाख 39 हजार रुपये हो चुका है। डायल सूत्रों के मुताबिक, बार-बार सूचित करने के बाद भी कांडा की कंपनी पिछले दो वर्ष से किराया नहीं चुका रही है।
काडा की तबियत बिगड़ी
पुलिस के सवालों से गोपाल काडा के रक्तचाप में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। वह सवालों से खुद को असहज महसूस कर रहे हैं। पिछले दो दिनों से पुलिस लॉकअप में ही उनसे पूछताछ की जा रही है। जब तक वह अधिकारियों के सवालों का जवाब नहीं दे देते, उन्हें सोने नहीं दिया जा रहा है। गुरुवार सुबह पुलिस काडा को लेकर बाबू जगजीवन राम अस्पताल मेडिकल कराने पहुंची।
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