Oxygen Crisis : केजरीवाल सरकार पर बरसा केंद्र, कहा- समय से उठाते कदम तो टाली जा सकती थीं दुखद घटनाएं
गृह सचिव ने कहा कि वर्तमान में मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है। दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ विचार विमर्श के बाद 21 अप्रैल को दिल्ली के लिए 480 टन आक्सीजन का आवंटन किया गया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व की दिल्ली सरकार को नगर के विभिन्न अस्पतालों के लिए आक्सीजन की ढुलाई की खातिर टैंकरों की व्यवस्था करने में विफल रहने पर फटकार लगाई और कहा कि समय से कदम उठाए जाने पर दुखद घटनाओं से बचा जा सकता था।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव को लिखे एक तीखे पत्र में यह भी दावा किया कि आक्सीजन की खरीद के लिए विभिन्न जरूरी मुद्दों को हल करने के लिए दिल्ली सरकार के प्रयास समय के अनुसार पर्याप्त नहीं थे। जबकि अन्य राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इस संबंध में बेहतर और पेशेवर तरीके से प्रयास कर रहे हैं।
भल्ला ने यह पत्र 25 अप्रैल को लिखा था। हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार थाईलैंड से 18 क्रायोजेनिक टैंकरों और फ्रांस से तैयार 21 ऑक्सीजन प्लांट का आयात करेगी।
उद्योगों को आक्सीजन आपूर्ति रोकने, आक्सीजन टैंकरों की सुचारु आवाजाही, विदेशों से टैंकर मंगाने जैसे केंद्रीय सरकार के विभिन्न कदमों को रेखांकित करते हुए केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि सभी राज्य सरकारें और केंद्रशासित प्रदेश पिछले कुछ दिनों से अपने स्तर पर लगातार प्रयास कर रहे हैं। इस संबंध में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा एक विशेष डिजिटल समूह का भी गठन किया गया है।
भल्ला ने अपने पत्र में दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से इस संबंध में तत्काल कार्रवाई का अनुरोध करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा ऑक्सीजन आवंटन के कई दिन बीतने के बाद भी दिल्ली सरकार अब तक शायद ही किसी टैंकर की व्यवस्था कर पाई है।
गृह सचिव ने कहा कि वर्तमान में मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है। दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ विचार विमर्श के बाद 21 अप्रैल को दिल्ली के लिए 480 टन आक्सीजन का आवंटन किया गया था।
उन्होंने कहा कि मेरे ध्यान में लाया गया है कि भारत सरकार द्वारा वास्तविक आवंटन की तुलना में दिल्ली को कम आपूर्ति मिली है, जो मुख्य रूप से ढुलाई से संबंधित वजहों (लॉजिस्टिक) के कारण है। राज्य सरकार ने इन समस्याओं का कोई निराकरण नहीं किया है।
भल्ला ने कहा कि दिल्ली सरकार ने आक्सीजन के मुख्य आपूर्तिकर्ताओं में से एक आइनाक्स को दिल्ली के अंदर 17 अस्पतालों को 98 टन गैस की आपूर्ति करने का निर्देश दिया था, जबकि आइनाक्स लंबे समय से दिल्ली के 45 अस्पतालों को 105 टन गैस की आपूर्ति कर रही है।
आक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत के संबंध में भल्ला ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार द्वारा समय से विभिन्न हितधारकों, खासकर आपूर्तिकर्ताओं और संबंधित अस्पतालों के साथ उचित, प्रभावी और सार्थक विचार-विमर्श किया गया होता तो इससे बचा जा सकता था।