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जानें जाट आंदोलन की शुरुआत से लेकर अब तक के कुछ रोचक तथ्य

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब जाट आरक्षण की मांग पर इतने उग्र हुए हों। दरअसल बीते आठ वर्षों में इसकी मांग लगातार तेज हुई है। आइए जानते हैं लगातार तेज होते जाट आंदोलन की शुरुआत से लेकर अब तक कब-कब, क्या-क्या हुआ।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2016 09:59 AM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2016 11:21 AM (IST)
जानें जाट आंदोलन की शुरुआत से लेकर अब तक के कुछ रोचक तथ्य

नई दिल्ली। हरियाणा में उग्र होते जाट आंदोलन की वजह से राज्य में जनजीवन पूरी तरह से चरमरा गया है। लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब जाट आरक्षण की मांग पर इतने उग्र हुए हों। दरअसल बीते आठ वर्षों में इसकी मांग लगातार तेज हुई है। आइए जानते हैं लगातार तेज होते जाट आंदोलन की शुरुआत से लेकर अब तक कब-कब, क्या-क्या हुआ।

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- 24 नवंबर 2006: जाट जागृति अभियान की शुरुआत
- 13 सितंबर 2010 : जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने हिसार से 15 किलोमीटर दिल्ली हाईवे पर मय्यड़ में लगाया जाम
- देशभर में 62 जगहों पर रेलवे व हाईवे पर प्रर्दशन
- आंदोलन के दौरान मय्यड़ में कुरुक्षेत्र के लाडवा निवासी सुनील श्योराण की गोली लगने से मौत
- तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सुभाष यादव पर मामला दर्ज
- 5 मार्च 2011 : देशभर के 15 रेलवे ट्रैक के पास धरने पर बैठे जाट समुदाय के लोग
- 23 मार्च 2011 : फतेहाबाद के मेहुवाला में भूख हड़ताल के दौरान विजय कड़वासरा की मौत
- 25 मार्च 2011 : तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से वार्ता

जाट अांदोलन: हरियाणा में हालात बेकाबू, अब तक 11 की मौत

- 3 मई 2011 : केंद्र सरकार ने गजट नोटिफिकेशन कर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को पुनर्वलोकन का अधिकार दिया
- 29 मई 2011 : अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से देशभर में जाट संकल्प यात्रा की शुरुआत
- 13 सितंबर 2011 : सुनील श्योराण की शहादत दिवस पर रैली व 19 फरवरी 2012 से आंदोलन की घोषणा
- 19 फरवरी 2012 : मय्यड़ के नजदीक रामायण ट्रैक पर आंदोलन की शुरुआत
- 6 मार्च 2012 : पुलिस अधीक्षक अनिल धवन ने भूख हड़ताल पर बैठे आंदोलनकारियों को उठाया। लोगों ने विरोध किया। लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले, पथराव। इस दौरान मय्यड़ के संदीप कड़वासरा की गोली लगने से मौत। आंदोलन के चलते यह तीसरी मौत थी
- शव को रेलवे ट्रैक पर रखकर जाट समुदाय ने किया आंदोलन। 12 मार्च 2012 को संदीप कड़वासरा की अंत्येष्टि
- 13 सितंबर 2012 : सुनील श्योराण की दूसरी बरसी। खापों द्वारा 15 दिसंबर 2012 से आंदोलन की चेतावनी
- 24 जनवरी 2013 : हुड्डा सरकार ने जाटों को 10 प्रतिशत अलग से विशेष पिछड़ा वर्ग में आरक्षण में शामिल किया
- 5 मार्च 2013 : संसद के बजट सत्र के दौरान जंतर-मंतर पर देशभर में 55 जगहों पर धरने की शुरुआत। 31 मार्च तक चला धरना। जंतर-मंतर पर 10 मई 2013 को संसद के बजट सत्र की समाप्ति तक धरना रहा कायम
- 6 मार्च 2013 : मय्यड़ में आंदोलन की शुरुआत, कुछ ही समय में पूरे हरियाणा में चरणबद्ध तरीके से फैला
- 10 मई 2013 : प्रधानमंत्री कार्यालय मंत्री वी नारायण सामी का जल्द आरक्षण घोषित करने का वादा
- 20 अगस्त 2013 : केंद्र सरकार ने जाट आरक्षण के लिए केंद्र के नेताओं की कमेटी गठित की
- 13 सितंबर 2013 : मय्यड़ में सुनील श्योराण की शहादत दिवस पर रैली।
- 19 दिसंबर 2013 : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को 9 राज्यों के जाटों की आरक्षण की मांग पर राज्यों के आधार पर सुनवाई शुरू करने का निर्देश दिया
- 10 से 13 फरवरी 2014 : राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग द्वारा 9 राज्यों की सुनवाई शुरू
- 2 मार्च 2014 : केंद्र सरकार द्वारा 9 राज्यों के जाटों को आरक्षण में शामिल करने की घोषणा
- 5 मार्च 2014 : केंद्र सरकार द्वारा गजट नोटिफिकेशन
- केंद्र में भाजपा की मोदी व हरियाणा में मनोहर सरकार आने के बाद सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट द्वारा इस सुविधा पर रोक
- 13 फरवरी 2016: एक बार फिर से हरियाणा में जाट आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू हुआ।


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