Move to Jagran APP

निर्भया के दोषियों के पास अब हैं सिर्फ दो रास्‍ते, जानें इस मामले में कब क्‍या हुआ

सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद अब इस मामले में जानिये कब क्‍या हुआ।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 09 Jul 2018 04:30 PM (IST)Updated: Mon, 09 Jul 2018 04:55 PM (IST)
निर्भया के दोषियों के पास अब हैं सिर्फ दो रास्‍ते, जानें इस मामले में कब क्‍या हुआ
निर्भया के दोषियों के पास अब हैं सिर्फ दो रास्‍ते, जानें इस मामले में कब क्‍या हुआ

नई दिल्‍ली (स्‍पेशल डेस्‍क)। निर्भया के दोषियों की पुनर्विचार याचिका ठुकराने के बाद अब इनकी फांसी का रास्‍ता काफी हदतक साफ हो चुका है। अब इन दोषियों के पास क्यूरेटिव पिटिशन और फिर दया याचिका का विकल्प बचता है। इससे पहले कोर्ट ने तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के बाद 4 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आर. भानुमति की बेंच इस मुद्दे पर सोमवार को अपना फैसला सुनाया।  सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप और मर्डर के तीन दोषियों विनय शर्मा, पवन और मुकेश की फांसी की सजा को बरकरार रखा। आपको बता दें कि दोषियों ने इस याचिका में फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की थी। इस याचिका को मामले के तीन दोषियों की तरफ से दायर किया गया था। वहीं चौथे दोषी अक्षय ने पुर्नविचार याचिका दाखिल नहीं की थी।

loksabha election banner

आईये जानते हैं इस मामले में कब क्या हुआ

16 दिसंबर 2012: दक्षिणी दिल्ली वसंतविहार इलाके में चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसके दोस्त को पीटा गया। फिर निर्भया को बुरी तरह घायल कर दोनों को बस से फेंका गया।
17-18 दिसंबर 2012: पुलिस ने अगले ही दिन चार आरोपियों बस चालक राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता की पहचान की। चारों को गिरफ्तार कर लिया गया।
18 दिसंबर 2012: लड़की के साथ हुई दरिंदगी की पूरी जानकारी सामने आने के बाद देशभर में गुस्सा भड़का। संसद में तब की नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने दोषियों के लिए फांसी की मांग की।
20 दिसंबर 2012: बड़ी संख्या में छात्रों ने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के घर के बाहर प्रदर्शन किया।
21-22 दिसंबर 2012: वारदात का पांचवां आरोपी भी पकड़ा गया। वह नाबालिग था। छठा आरोपी अक्षय ठाकुर बिहार से गिरफ्तार हुआ।
22 दिसंबर 2012: निर्भया कांड के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे। इंडिया गेट पर युवाओं का भारी प्रदर्शन शुरू।
23 दिसंबर 2012: निर्भया की हालत गंभीर। प्रदर्शन के दौरान चोट लगने से पुलिस कांस्टेबल सुभाष तोमर की मौत।
26 दिसंबर 2012: निर्भया को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ हॉस्पिटल ले जाने का फैसला।
29 दिसंबर 2012: सुबह के समय दो बजकर 15 मिनट पर निर्भया की सिंगापुर में मौत।
2 जनवरी 2013: तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर ने मामले की तेजी से सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की व्यवस्था कराई।
3 जनवरी 2013: पांच आरोपियों के खिलाफ हत्या, गैंगरेप, अपहरण और अन्य आरोपों में चार्जशीट दाखिल।
28 जनवरी 2013: छठवें आरोपी को नाबालिग पाया गया। उस पर जुवेनाइल कोर्ट में मामला।
2 फरवरी 2013: पांचों आरोपियों पर हत्या सहित 13 मामलो में आरोप दाखिल।
11 मार्च 2013: पांच आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल के अंदर कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
21 मार्च 2013: नए एंटी-रेप कानून पर मुहर लगी। दुष्कर्म के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया गया।
11 जुलाई 2013: नाबालिग को मामले में दोषी पाया गया। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग को तीन साल के लिए बाल सुधार गृह भेजा।
10 सितंबर 2013: चार अन्य बालिग आरोपियों को भी कोर्ट ने 13 मामलों में दोषी पाया।
13 सितंबर 2013: चारों आरोपियों मुकेश, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर को मौत की सजा सुनाई गई।
7 अक्टूबर 2013: आरोपी विनय ठाकुर और अक्षय ठाकुर ने सजा के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की।
13 मार्च 2014: दिल्ली हाईकोर्ट ने चारों आरोपियों को फांसी की सजा के फैसले को सही ठहराया।

2 जून 2014: फिर से दो आरोपियों ने हाईकोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।
14 जुलाई 2014: सुप्रीम कोर्ट ने चारों आरोपियों की फांसी पर सुनवाई पूरी होने तक रोक लगाई।
18 दिसंबर 2015: नाबालिग की रिहाई पर रोक से कोर्ट का इन्कार। तीन साल की सजा पूरी कर बाहर निकला।
27 मार्च 2017: सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा।
5 मई 2017: सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखी आरोपियों की फांसी की सजा।
4 मई 2018: दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला।  
9 जुलाई, 2018: दोषियों द्वारा दाखिल की गई रिव्यू पिटिशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए मौत की सजा को बरकरार रखा।

जानें 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद क्‍या हुए कानून में बदलाव
जिस जेल में हुई मुन्‍ना बजरंगी की हत्‍या वहीं बंद है सुंदर भाटी, दोनों का रहा है 36 का आंकड़ा
निर्भया के दोषियों की पु‍नर्विचार याचिका पर जब की थी सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्‍पणी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.