मार्च तक 15 हजार करोड़ के सड़क ठेके : गडकरी
इन दोनो क्षेत्रों में अब तक कुल मिलाकर 4.60 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं के ठेके दिए जा चुके हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मार्च के अंत तक 15 हजार करोड़ रुपये लागत वाली सड़क परियोजनाओं के ठेके दे दिए जाएंगे। जबकि आधा टोल संग्रह डिजिटल हो जाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस बात का भरोसा जताया।
नववर्ष पर संवाददाताओं से विशेष चर्चा में गडकरी ने दावा किया कि 31 मार्च तक सड़क एवं जहाजरानी क्षेत्र में कुल निवेश छह लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगा। इन दोनो क्षेत्रों में अब तक कुल मिलाकर 4.60 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं के ठेके दिए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के सत्ता संभालने से पहले इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की हालत बेहद खराब थी। परंतु पिछले ढाई वर्षो में केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। हमारी सरकार के सत्ता में आने से पहले 3.85 लाख करोड़ रुपये की 403 सड़क अटकी परियोजनाएं अटकी पड़ी थीं और उन पर काम ठप था। परंतु आज इंफ्रास्ट्रक्चर की हालत बहुत अच्छी है। पहले जो बैंक सड़क परियोजनाओं के लिए कर्ज नहीं देते थे, अब धड़ल्ले से कर्ज दे रहे हैं।
सड़कों पर बढ़ते यातायात और जाम की समस्या पर गडकरी का कहना था कि इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गो की लंबाई 96 हजार किलोमीटर से बढ़ाकर दो लाख किलोमीटर करने का फैसला किया है। स्टेट हाईवे को नेशलन हाईवे का दर्जा देने से अब तक राष्ट्रीय राजमार्गो की कुल लंबाई 1.70 लाख किलोमीटर हो चुकी है।
डिजिटल टोल संग्रह :
गडकरी के अनुसार नोटबंदी के बाद अनुसार देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गो पर स्थित 317 टोल प्लाजाओं में पीओएस मशीनों के प्रयोग से टोल वसूली की प्रक्रिया काफी हद तक डिजिटल हो गई है। काफी वाहन चालक इलेक्ट्रानिक टोल लेन का इस्तेमाल करने के लिए फास्टटैग का इस्तेमाल करने लगे हैं। जबकि बाकी चालक नकदी के बजाय कार्ड से टोल का भुगतान करने लगे हैं। मार्च तक लगभग 50 फीसद टोल संग्रह डिजिटल हो जाने की उम्मीद है।
सड़क हादसे :
गडकरी ने माना कि उनके सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री बनने के बाद सड़क हादसों में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यह मेरे लिए गहरी पीड़ा का विषय है। लेकिन सरकार ने जो कदम उठाए हैं उनके परिणाम शीघ्र मिलेंगे और हादसे कम होंगे। लेकिन कुछ चीजें हमारे बस में नहीं हैं। अगस्त में हमने मोटर वाहन संशोधन विधेयक, 2016 लोकसभा में पेश किया था है। लेकिन उसे प्रवर समिति को भेज दिया गया। समिति की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। देश में हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं में तकरीबन डेढ़ लाख लोग मारे जाते हैं। सड़क हादसों को 2020 तक आधा करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय कार्य योजना बनाई है।
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