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TikTok Video Viral करना है तो यहां से करें क्‍लासेज, बढ़ जाएगी फैन फॉलोइंग

इन प्रोफेशनल कक्षाओं में लोगों को टिकटॉक वीडियो बनाने उन्‍हें एडिट करने और कंटेट को वायरल करने के टिप्‍स दिए जाएंगे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 06:26 PM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 06:26 PM (IST)
TikTok Video Viral करना है तो यहां से करें क्‍लासेज, बढ़ जाएगी फैन फॉलोइंग
TikTok Video Viral करना है तो यहां से करें क्‍लासेज, बढ़ जाएगी फैन फॉलोइंग

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। चीन की शार्ट वीडियो ऐप टिकटॉक ने ट्रेनिंग क्‍लासेज, मीट-अॅप्‍स और वर्कशॉप्‍स की शुरुआत की है। जिसमें यूजर को सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म पर दूसरों को प्रभावित करने वाला और लोकप्रियता बढ़ाने वाला बनाया जाएगा।

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ये प्रोफेशनल कक्षाएं लोगों को टिकटॉक वीडियो बनाने, उन्‍हें एडिट करने और कंटेट को वायरल करने के टिप्‍स दिए जाएंगे। गौरतलब है कि टिकटॉक पर फिल्‍मी दुनिया और अन्‍य क्षेत्रों के प्रभावशाली क्षेत्रों के लोग मौजूद हैं।

क्‍लॉसेज की फीस सात से दस हजार रुपये 
एक ऐसी कक्षा की शुरुआत दिल्‍ली में हो चुकी है। इन साप्‍ताहिक कक्षाओं की फीस सात हजार रुपये से दस हजार रुपये है। कुछ कक्षाएं को टिकटॉक के प्रभावशाली व्‍यक्ति होस्‍ट करते हैं। इय योजना को एक महीने पहले शुरुआत की गई थी। इसके एक सेशन में 10 छात्र होते हैं।

पसंदीदा टिकटॉक स्‍टार के साथ पोर्टफोलियो शूट करने का मौका
कार्यक्रम में भाग ले रहे एक सेलेब्रेटी ने बताया कि हमारी कक्षाओं में थियरी और प्रैक्टिकल दोनों शामिल हैं। टिकटॉक पर बनाए गए 90 फीसदी कंटेंट वायरल नहीं हो पाता है। इन कक्षाओं में यही करना सिखाया जाता है। इस सेशन में शामिल छात्रों को पसंदीदा टिकटॉक स्‍टार के साथ पोर्टफोलियो शूट करने का मौका दिया जाता है, जिससे उन्‍हें यूजर को अपने प्रोफाइल के जरिये आकर्षित करने में मदद मिलती है।

नॉन मेट्रो शहरों में भी बढ़ा टिकटॉक का क्रेज
दिल्‍ली स्थित यह कंपनी प्रभावशाली शख्‍सों के साथ जयपुर, दिल्‍ली, भोपाल, गुवाहाटी, कोलकाता और अहमदाबाद के साथ कई नॉन मेट्रो शहरों में शूट किया जाता है। कंपनी की बेवसाइट के मुताबिक ये शुट दिनभर चलती है। इसमें पांच लोगों को शामिल होने का मौका मिलता है।

सोशल मीडिया एक्‍सपर्ट कार्तिक श्रीनिवासन का कहना है कि टीयर-2 और टीयर-3 शहरों में टिकटॉप एप टॉप टेंड बन चुकी है। इसके कई यूजर ऐसे हैं जिन्‍हें सोशल मीडिया का पहले से इतना अनुभव नहीं था। ये वो लोग हैं जिन्‍होंने टि्वटर या लिंक्‍डइन का इस्‍तेमाल किया है।

लाखों में फालोवर की संख्‍या 
उन्‍होंने कहा कि कक्षाएं और प्रमोशनल एक्टिविटीज नियमित के अलावा टिकटॉक को प्रभावित करने वाले नियमित तौर पर कई शहरों में फैन्‍स से मिलते भी हैं। इन्‍हें भी सोशल मीडिया पर प्रमोट किया जाता है। सोशल मीडिया को प्रभावित करने वाले और एक्‍टर पारस तोमर के टिकटॉक पर 15 लाख फालोअर हैं।  

उन्‍होंने बताया कि फैन मीट अप्‍स के लिए इवेंट फर्म्‍स ब्रांड्स इंफ्लुएंसर्स को फैन्‍स के साथ फोटोग्राफी और कोरियोग्राफी शूट के लिए भी प्रशिक्षण दिया जाता है। तोमर ने बताया कि छोटे शहरों में अक्‍सर ज्‍यादा भीड़ होती है क्‍योंकि वहां टिकटॉक ज्‍यादा लोकप्रिय है। टि्वटर या लिंक्‍डइन के उलट टिकटॉक के फैन्‍स हमसे अपने आप को जोड़ते हैं।

10 लाख की फालोअर वाली शिवानी कपिला ने बताया कि मैं हर तीन महीने में एक बार अपने फैन्‍स से मिलती हूं। इसके अलावा मैं एप पर लाइव स्‍ट्रीम पर भी फैन्‍स से जुड़ती हूं। उन्‍होंने कहा कि यह बदलाव कंटेट को बेहतर बनाने में मदद देते हैं। प्रभावित करने वाले पारस तोमर और शिवानी कपिला को लोकप्रियता के हिसाब से ब्रांड्स के मुताबिक भुगतान किया जाता है। टिकटॉक (TikTok)चीन के बाइटडांस का हिस्सा है, जो अकेले भारत में लगभग 20 करोड़ यूजर हैं।  

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