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अमेरिका में ग्रीन कार्ड का इंतजार करने वालों में तीन चौथाई भारतीय, चीन दूसरे नंबर पर

मई, 2018 तक के यह आंकड़े गुरुवार को यूएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विस (यूएससीआइएस) ने जारी किए। सूची में दूसरे स्थान पर चीन है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 08:57 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jun 2018 08:57 AM (IST)
अमेरिका में ग्रीन कार्ड का इंतजार करने वालों में तीन चौथाई भारतीय, चीन दूसरे नंबर पर
अमेरिका में ग्रीन कार्ड का इंतजार करने वालों में तीन चौथाई भारतीय, चीन दूसरे नंबर पर

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। अमेरिका में स्थायी रूप से बसने के लिए ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे विभिन्न देशों के पेशेवरों में भारतीयों की संख्या सबसे अधिक है। लगभग चार लाख प्रतीक्षारत लोगों में तीन लाख से अधिक भारतीय हैं। मई, 2018 तक के यह आंकड़े गुरुवार को यूएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विस (यूएससीआइएस) ने जारी किए। सूची में दूसरे स्थान पर चीन है। अमेरिकी इमीग्रेशन कानून की वजह से सूची में मौजूद भारतीयों को लंबे समय तक नागरिकता पाने के लिए इंतजार करना होगा।

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कार्ड के फायदे

ग्रीन कार्ड अमेरिकी नागरिकता पाने की दिशा में पहला कदम है। इसके जरिए कोई विदेशी नागरिक अमेरिका का स्थायी नागरिक बन सकता है।

भारतीयों के लिए लंबा इंतजार

अमेरिकी इमीग्रेशन कानून के मुताबिक एक साल में एक देश के नागरिकों को कुल ग्रीन कार्ड में से सिर्फ सात फीसद कार्ड जारी किए जा सकते हैं। इसके चलते एच-1बी वीजा पर अमेरिका में काम कर रहे भारतीयों को वहां की नागरिकता पाने के लिए सबसे ज्यादा इंतजार करना पड़ेगा। एक अनुमान के मुताबिक सूची में मौजूद सभी भारतीयों को नागरिकता मिलने में 25 से 92 वर्ष तक का समय लग सकता है।

एच-1बी वीजा पाने में भारतीय आगे

2016 और 2017 में कुल एच-1बी वीजा में से 75 फीसद भारतीयों को मिला। यानी अमेरिका में अस्थायी तौर पर काम करने के लिए भले ही भारतीयों को प्राथमिकता दी जाती हो, लेकिन स्थायी नागरिकता प्रदान करने के कानून का खामियाजा भारतीय पेशेवरों को ही सबसे ज्यादा उठाना पड़ेगा।

आय में भी वृद्धि

एच-1बी वीजा से जुड़ी कई भ्रांतियों को दूर करने वाली इस रिपोर्ट में विभाग ने बताया कि वीजा पाने वाले लोगों की औसत आय 2016 में 82 हजार डॉलर (55 लाख रुपये) से बढ़ाकर 2017 में 85 हजार डॉलर (57 लाख रुपये) कर दी गई है।

एच-1बी वीजा

इसके जरिए अमेरिकी कंपनियां विदेशी कर्मियों को ऐसी नौकरियों पर रख पाती हैं जहां तकनीकी या व्यावहारिक विशेषज्ञता की दरकार होती है। तकनीकी क्षेत्र की कंपनियां हर साल हजारों की संख्या में कर्मियों को नौकरी पर रखने के लिए इस वीजा पर निर्भर करती हैं।

शुरुआती एच-1बी वीजा

जब कोई व्यक्ति पहली बार अमेरिका में नौकरी के लिए वीजा का आवेदन देता है, उसे शुरुआती वीजा कहते हैं। जो भारतीय पहले से अमेरिका में काम कर रहे हैं, वे अपने शुरुआती वीजा की अवधि खत्म होने पर अपनी नौकरी के हिसाब से काम जारी रखने के वीजा का आवेदन दे सकते हैं।  


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