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इसरो परिसर की सुरक्षा में फिर लगी सेंध

चांद के बाद मंगल अभियान की तैयारी कर रहे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन [इसरो] की सुरक्षा में फिर सेंध लगी है। फर्जी पहचान पत्र के साथ 52 वर्षीय एक व्यक्ति यहां महेंद्रगिरी के करीब स्थित इसरो के क्रायोजेनिक इंजन परीक्षण केंद्र के संवेदनशील क्षेत्र में दाखिल हो गया। संदेह होने पर परिसर में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल [सीआइएसएफ] के जवानों ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ के बाद पुलिस ने इस शख्स समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

By Edited By: Published: Thu, 17 Jan 2013 04:14 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2013 09:38 PM (IST)
इसरो परिसर की सुरक्षा में फिर लगी सेंध

तिरुनेलवेली [तमिलनाडु]। चांद के बाद मंगल अभियान की तैयारी कर रहे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन [इसरो] की सुरक्षा में फिर सेंध लगी है। फर्जी पहचान पत्र के साथ 52 वर्षीय एक व्यक्ति यहां महेंद्रगिरी के करीब स्थित इसरो के क्रायोजेनिक इंजन परीक्षण केंद्र के संवेदनशील क्षेत्र में दाखिल हो गया। संदेह होने पर परिसर में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल [सीआइएसएफ] के जवानों ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ के बाद पुलिस ने इस शख्स समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

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पुलिस के मुताबिक सीआइएसएफ द्वारा पकड़ा गया शख्स जय सिंह इसरो में अनुबंध पर काम करने वाले एक कर्मचारी कृष्णकुमार का ससुर है। जिस फर्जी पहचान पत्र को दिखाकर वह संवेदनशील क्षेत्र तक पहुंच गया था, वह उसे इसरो के एक ठेकेदार दिरवियम ने मुहैया कराया था। संदेह पर जब सीआइएसएफ के जवानों ने जय सिंह से पूछताछ की तो उसने विरोधाभासी जवाब दिए। बाद में सीआइएसएफ ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया।

जय सिंह ओमान सरकार के ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन में काम करता है। उसका कहना है कि वह क्रायोजेनिक इंजन का परीक्षण स्थल देखने आया था। पूछताछ में पता चला कि वह लीक्विड प्रोपल्शन टेस्टिंग एरिया में भी दाखिल हुआ था। इन दोनों जगहों पर बाहरी लोगों का जाना प्रतिबंधित है। उल्लेखनीय है कि रूस के इन्कार के बाद भारत अपने दम पर अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले रॉकेट में इस्तेमाल होने वाला क्रायोजेनिक इंजन विकसित कर रहा है। पुलिस ने तीनों पर अवैध रूप से इसरो परिसर में घुसने, धोखाधड़ी और सरकारी गोपनीयता अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

उल्लेखनीय है कि करीब चार महीने पहले इसी तरह की एक घटना इसरो के बेंगलूर स्थित मुख्यालय में सामने आई थी। तब 41 साल की एक महिला सुरक्षा में सेंध लगाते हुए फर्जी पहचान पत्र के आधार पर इसरो मुख्यालय में दाखिल हो गई थी। बाद में उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया था।

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