Triple Talaq: नए कानून के तहत यूपी और उत्तराखंड में दर्ज हुए तत्काल तीन तलाक के तीन मुकदमे
मुस्लिम महिलाएं (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019 यानी तत्काल तीन तलाक कानून के लागू होने के बाद उप्र और उत्तराखंड में तत्काल तीन तलाक के तीन मुकदमे दर्ज।
जेएनएन, नई दिल्ली। गुरुवार को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 'मुस्लिम महिलाएं (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019' यानी तत्काल तीन तलाक कानून अस्तित्व में आ गया। गुरुवार को ही उप्र और उत्तराखंड में तत्काल तीन तलाक के तीन मुकदमे भी दर्ज किए गए। यह केस मथुरा, आगरा और देहरादून में दर्ज किए गए।
थाने के बाहर बोला, एक साथ तीन तलाक
मथुरा में तत्काल तीन तलाक का मुकदमा गुरुवार को दर्ज किया गया। महिला थाना प्रभारी रुचि त्यागी का दावा है कि इस कानून के लागू होने के बाद जिले में इस तरह का पहला मामला दर्ज किया गया है। मुकदमे के अनुसार महिला थाने के बाहर दामाद एक लाख रुपये दहेज में न देने पर उसकी बेटी को एक साथ तीन तलाक बोलकर चला गया।
मोबाइल पर लिखकर भेजा दो बार 'तलाक'
गुरुवार को आगरा में तत्काल दो तलाक का सनसनीखेज मामला सामने आया। महिला थाने पहुंची शमा परवीन ने बताया कि उसके पति ने उसे मोबाइल पर दो बार 'तलाक' लिखकर मैसेज भेजने के बाद फर्जी तलाकनामा बनवाकर भेजा है। दो में से एक बेटे को चोरी-छिपे लेकर भाग गया।
गुरुवार को मामला तूल पकड़ने पर पुलिस ने आनन-फानन तत्काल तलाक संबंधी नए कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया। शमा की शादी अप्रैल 2010 में एहसान मिस्त्री से हुई थी। शमा के अनुसार 15 जुलाई 2019 को मारपीट की। इसके बाद घर से चला गया। साथ ही एक बेटे को भी ले गया। इसके बाद मोबाइल पर 'तलाक-तलाक' लिखकर मैसेज भेज दिया। दूसरे दिन 10 रुपये के स्टांप पेपर पर फर्जी तलाकनामा बनवाकर भिजवा दिया।
देहरादून में भी दर्ज
गुरुवार को ही देहरादून में भी तीन तलाक का एक केस दर्ज किया गया। पीडि़त महिला ने शौहर के खिलाफ तीन तलाक का मुकदमा दर्ज कराया है। पीडि़त शमा ने एसएसपी को लिखे गए पत्र में कहा कि बुधवार रात उसके शौहर असलम ने उसे बुरी तरह पीटा। पति की क्रूरता से बचने के लिए वह गांव के प्रधान इमरान खान के पास न्याय मांगने गई।
आरोप है कि यहां भी शौहर असलम ने उसे पीटना शुरू कर दिया। आरोप है कि इसी दौरान असलम ने शमा को एक साथ तीन तलाक दे दिया। ग्राम प्रधान ने भी उसकी मदद करने से इन्कार कर दिया। निराश होकर रात को ही पीडि़ता ने माता-पिता को फोन कर सहसपुर थाने पहुंची।
महिला का आरोप है कि थाने में रात को कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर वह गुरुवार दिन में एसएसपी दफ्तर पहुंची। जहां एसएसपी के न मिलने पर शिकायत प्रकोष्ठ में शिकायत दर्ज कराई।
महिला का आरोप है कि जब वह मदद के लिए ग्राम प्रधान इमरान खान के पास गई तो इमरान खान ने कहा कि भाजपा सरकार के बनाए गए नियम-कानून को हम नहीं मानते। हम कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता हैं। तुम्हें जहां जाना है, चली जाओ। कोई सुनने वाला नहीं है।
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