राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के लिए तीन सौ टास्क चिन्हित, सभी राज्यों पर रहेगा अमल का जिम्मा
शिक्षा नीति के अमल का यह खाका मंत्रालय ने दो महीने के भीतर सभी पक्षों और संबंधित एजेंसियों के साथ चर्चा के बाद खींचा है। नीति के अमल से जुड़े जो बड़े टास्क है नया पाठ्यक्रम तैयार करना शिक्षकों का प्रशिक्षण बोर्ड की परीक्षाओं और उनके मूल्यांकन में बदलाव है
अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति सामने आने के बाद बड़ा सवाल सिर्फ एक ही था कि आखिर यह लागू कैसे होगी। कई राज्यों ने भी इसे लेकर सवाल उठाए थे। लेकिन केंद्र ने कुछ ही महीनों के भीतर इसके अमल का पूरा खाका तैयार कर साफ कर दिया है कि वह जल्द-से-जल्द इसे जमीन पर उतारना चाहती है। इसके अमल से जुड़े कुल तीन सौ टास्क चिह्नित किए गए हैं, जिन पर काम किया जाना है। वहीं इसे लेकर एजेंसियों की भी पहचान कर ली गई है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय सहित 22 से ज्यादा मंत्रालयों, विभागों व एजेंसियों को इसे लागू कराने के लिए चुना गया है। इन सभी की जिम्मेदारी बांट दी गई है। इनमें एनसीईआरटी सहित कई एजेंसियों ने काम भी शुरू कर दिया है। इसके साथ ही सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को भी इससे जोड़ा जाएगा।
शिक्षा नीति के अमल का यह खाका केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने दो महीने के भीतर सभी पक्षों और संबंधित एजेंसियों के साथ चर्चा के बाद खींचा है। फिलहाल नीति के अमल से जुड़े जो बड़े टास्क है, उनमें नया पाठ्यक्रम तैयार करना, शिक्षकों का प्रशिक्षण, बोर्ड की परीक्षाओं और उनके मूल्यांकन में बदलाव है। इसके साथ ही उच्च शिक्षा में टॉप रैंकिंग वाले विश्वस्तरीय संस्थानों को भारत आने की अनुमति देने सहित शोध को विश्वसनीय बनाने और बढ़ावा देने जैसे टास्क शामिल हैं। इस सभी कामों की जिम्मेदारी अलग-अलग एजेंसियों को सौंप दी गई है। इसे लेकर एक समय-सीमा भी तय की गई है, जिसके भीतर सभी को अपना काम पूरा करना है।
वैसे तो नीति के अमल पर काम शुरू हो गया है। लेकिन नीति के चिन्हित किए गए टास्कों में से ज्यादातर को 2022 में, जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा, तब लागू करने की समय-सीमा तय की गई है। शिक्षा मंत्रालय की योजना के मुताबिक प्रत्येक टास्क का जिम्मा संबंधित एजेंसियों को दिया गया है। इसके बाद एजेंसियों ने टीमों का गठन शुरू कर दिया है।
2022-23 में नए पैटर्न से होगी 10वीं की बोर्ड परीक्षा
बोर्ड परीक्षाओं में बदलाव को लेकर काम वैसे तो 2021-22 से ही शुरू हो जाएगा। लेकिन नए परीक्षा पैटर्न के साथ 10वीं की पहली बोर्ड परीक्षा 2022-23 में होगी। वहीं नए पैटर्न से 12वीं की पहली परीक्षा 2024-25 में होगी।
इन मंत्रालयों और एजेंसियों के जिम्मे होगा नीति का अमल
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, महिला बाल विकास मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, जनजाति मंत्रालय, उच्च शिक्षा विभाग, एनसीईआरटी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन (नीपा), परख-नेशनल असेसमेंट सेंटर, नेशनल कमेटी फॉर द इंटिग्रेशन ऑफ वोकेशनल एजुकेशन, एनसीटीई, केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय संगठन, एनटीए, नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी काउंसिल (एनएचईआरसी), एनआइओएस, रिहैवीलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया (आरसीआइ), एससीईआरटी, डाइट, पंडित सुंदर लाल शर्मा सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ आफ वोकेशनल एजुकेशन, हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट एंड इग्नू, बोर्ड ऑफ असेसमेंट, सीबीएसई आदि।