कोरोना की दहशत, देशभर में पैरोल पर छोड़े गए हजारों कैदी, जानें किस राज्य ने कितनों को छोड़ा
देश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्यों ने कैदियों को पैरोल या जमानत पर छोड़ना शुरू कर दिया है। जानें किस राज्य में कितनों ने तोड़ा दम...
नई दिल्ली, जेएनएन। कई जगहों से जेलों में बंद कैदियों के कोरोना से संक्रमित पाए जाने के बाद विभिन्न राज्य सरकारों ने कैदियों को पैरोल या जमानत पर छोड़ना शुरू कर दिया है। राज्य सरकारों ने यह कदम जेलों में कोरोना के खतरे को देखते हुए उठाया है। सरकारों का कहना है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का अनुपालन किया है। सुप्रीम कोर्ट ने 23 मार्च को जेलों का भार कम करने के लिए सात साल तक की सजा वाले मामलों में निरद्ध कैदियों को पैरोल अथवा जमानत पर रिहा करने के निर्देश जारी किए थे और राज्य सरकारों को इसकी जिम्मेवारी सौंपी थी।
उत्तर प्रदेश के डीजी (कारागार) आनंद कुमार ने बताया कि सूबे की 71 जेलों से अब तक 16 हजार से ज्यादा कैदियों को जमानत या पैरोल पर रिहा किया जा चुका है। वहीं पंजाब सरकार का कहना है कि वह अब तक 9,773 कैदियों को पैरोल या जमानत पर रिहा कर चुकी है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तीन जेलों तिहाड़, रोहिणी और मंडोली से अब तक 3,500 कैदी पैरोल या जमानत पर रिहा किए जा चुके हैं।
महाराष्ट्र ने 7,200 कैदियों को पैरोल दी है और 10 हजार कैदियों को जल्द पैरोल देने जा रही है। वहीं, बिहार सरकार ने कैदियों का जेलों के बीच समायोजन तो किया है, लेकिन अब तक किसी को रिहा नहीं किया है। इसके उलट मध्य प्रदेश से करीब 6,500, असम की 31 जिलों से 3,550, गुजरात की 28 जेलों से करीब 2,500, हरियाणा की 19 जेलों से करीब 4,000, गोवा की जेलों से 44 और छत्तीसगढ़ की जेलों से 3,418 कैदी पैरोल या जमानत पर रिहा किए जा चुके हैं।
केरल सरकार ने जेलों में उन्हीं नए अपराधियों को रखने का फैसला किया है, जिन्हें जांच में कोरोना संक्रमित नहीं पाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों मुंबई की आर्थर रोड जेल में 100 से ज्यादा कैदी और जेलकर्मी कोरोना से संक्रमित पाए गए थे जिससे प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया था। जयपुर की जेलों में भी स्थिति भयावह है। जयपुर जिला कारागार में 423 में से 123 कैदी और जेल अधीक्षक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। मध्य प्रदेश की जेलों में अभी भी क्षमता से ज्यादा कैदी बताए जाते हैं।