Move to Jagran APP

पैलेट गन पर रोक के बाद रोजाना कश्मीर घाटी पहुंच रहा एक हजार मिर्ची बम

आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उनका कहना है, 'प्रदर्शनकारियों पर पावा गोले के इस्तेमाल को लेकर सुरक्षा बलों के जवानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Thu, 08 Sep 2016 08:30 PM (IST)Updated: Thu, 08 Sep 2016 09:39 PM (IST)
पैलेट गन पर रोक के बाद रोजाना कश्मीर घाटी पहुंच रहा एक हजार मिर्ची बम

नई दिल्ली, प्रेट्र। कश्मीर घाटी में पैलेट गन का विकल्प बने मिर्ची भरे पावा गोले का इस्तेमाल जल्द शुरू होगा। अधिकारियों के अनुसार, इसके लिए एक हजार मिर्ची बम 5 सितंबर से रोजाना घाटी में भेजा जा रहा है।

loksabha election banner

आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उनका कहना है, 'प्रदर्शनकारियों पर पावा गोले के इस्तेमाल को लेकर सुरक्षा बलों के जवानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल अगले कुछ दिनों में शुरू हो जाएगा।' अधिकारियों के मुताबिक, यह मिर्ची बम कोई बड़ा जख्म दिए बगैर प्रभावित लोगों को कुछ समय के लिए निष्कि्रय कर देता है।

जबकि पैलेट गन के इस्तेमाल से घाटी में कई प्रदर्शनकारियों की आखों की रोशनी चली गई। कई गंभीर रूप से घायल हैं। इसके बाद से पैलेट गन को प्रतिबंधित करने की मांग उठने लगी। फिर केंद्र सरकार ने इसका विकल्प सुझाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाई। समिति ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद पावा गोले को पैलेट गन का विकल्प बताया।

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर दौरे से एक दिन पूर्व मिर्ची बम के इस्तेमाल की इजाजत दे दी और इसकी आधिकारिक घोषणा श्रीनगर में अगले दिन की। सूत्रों ने कहा कि कश्मीर घाटी में पैलेट गन का पहली बार इस्तेमाल 2010 में शुरू किया गया था। तत्कालीन संप्रग सरकार ने देश विरोधी प्रदर्शनों से निपटने के लिए इस गन को हथियार के तौर पर आजमाया था।

श्रीहरिकोटा से लांच हुआ इनसैट-3डीआर, मौसम विभाग को मिलेगी मदद

अरुणाचल के आदिवासियों पर लिखी किताब ने जीता प्रतिष्ठित ब्रिटिश अवार्ड


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.