नक्सली हमले में घायल जवानों की अापबीती,... और कुछ देर बाद पेड़ों से बरसने लगीं गोलियां
सुकमा के भेज्जी थाना अंतर्गत नक्सलियों ने लगाया था एंबुश, फायरिंग में 5 जवान घायल
रायपुर। नक्सली हमले में घायल 5 जवानों को एयरलिफ्ट कर शनिवार शाम को रायपुर लाकर निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इनमें से 3 की हालत गंभीर है। इन्हें गोली लगी है, सर्जरी की जा चुकी है।
डॉक्टरों ने कहा है कि 48 घंटे इनके लिए क्रिटिकल हैं। वहीं 2 जवान पूरी तरह खतरे से बाहर हैं। इन जवानों ने 'नईदुनिया" से बातचीत में कहा- 'जब हम सर्चिंग पर थे तो कुछ ग्रामीण हमारे पास से खेतों की तरफ गए, इसके बाद पेड़ों से गोलियां बरसने लगीं। ये ग्रामीण रेकी करने, हमारे मूवमेंट की सूचना नक्सलियों तक पहुंचाने आए थे।"
जवानों के बताए अनुसार उन्होंने जवाबी फायरिंग में 10-15 नक्सलियों को मार गिराया। पुलिस के आला अफसर जवानों का हाल जानने रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल पहुंचे। जवानों ने इन्हें घटना के संबंध में सिलसिलेवार जानकारी दी।
घायल जवान सोढ़ी रामा, सोयम तमैया का कहना है कि नक्सली 200 से अधिक थे, हमारी पार्टी चारों तरफ से घिर चुकी थी। लेकिन हमारी फायरिंग से जब उनके साथी मरने लगे तो वे पीछे हटते दिखे। उनके पास एके 47 रायफल थी, महिला नक्सली इसे चला रही थीं। जवानों ने यह भी कहा कि जंगल में नक्सली कौन और ग्रामीण कौन, कोई नहीं पहचान सकता। हमें एक से लड़ना पड़ रहा है तो दूसरे पर नक्सलियों से ज्यादा नजर रखनी पड़ती है।
इस बार भी खाने के वक्त को चुना
नक्सलियों की पिछली 2 बड़ी वारदातों में एक बात कॉमन है, वह है जवानों के खाना खाने के समय हमला। नक्सली इस वक्त को हमले के लिए इसलिए चुन रहे हैं, क्योंकि इस समय ज्यादा क्षति पहुंचाई जा सकती है, वे आराम कर रहे होते हैं। हालांकि सुरक्षा बलों की तरफ से हमेशा यही दावा किया जाता रहा है कि सभी जवान एक साथ खाना नहीं खाते, आधे खाते हैं तो आधे हथियारों के साथ तैनात होते हैं।