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इस अभिनेत्री ने अकेले ही सूखे से प्रभावित गांव का बदल दिया नक्शा

हाल ही में मुंबई सबसे बड़ा किसान आंदोलन हुआ था। मगर, एक अभिनेत्री ने किसानों की समस्या का स्थायी हल निकालने का बीड़ा उठाया।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 29 Mar 2018 02:06 PM (IST)Updated: Thu, 29 Mar 2018 02:33 PM (IST)
इस अभिनेत्री ने अकेले ही सूखे से प्रभावित गांव का बदल दिया नक्शा
इस अभिनेत्री ने अकेले ही सूखे से प्रभावित गांव का बदल दिया नक्शा

महाराष्ट्र [ जेएनएन ]। हाल ही में मुंबई सबसे बड़ा किसान आंदोलन हुआ था। अपने अधिकार की मांग और समस्याओं को लेकर कई किसान 180 किलोमीटर तक पैदल सफर करके मुंबई पहुंचे थे। इस खबर ने लोगों के बीच किसानों की दुर्दशा को दिखाया और लोग चर्चा करने लगे।

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कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर कमेंट कर अपने काम की इतिश्री समझ ली। मगर, एक अभिनेत्री ने किसानों की समस्या का स्थायी हल निकालने का बीड़ा उठाया और सूखे से प्रभावित एक गांव का पूरा नक्शा ही बदल दिया।

अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्ता राजश्री देशपांडे ने जब साल 2015 में महाराष्ट्र में निरंतर किसानों की आत्महत्याओं के बारे में सुना था, तो वे कुछ करने के बारे में सोचने लगीं। राजश्री खुद औरंगाबाद में एक किसानों के परिवार में पैदा हुई थीं और वह किसानों के दर्द को समझती थीं।

किसानों के परिवार से ताल्लुक

उन्होंने बताया कि मेरे पूर्वजों किसान थे। हालांकि, मेरे पिता एक सरकारी कर्मचारी थे, लेकिन उन्होंने भी खेती की। मैंने खेती के सभी उतार-चढ़ाव देखे हैं। हम औरंगाबाद के पास भोकरदन में कपास उगाते थे। मगर, पानी की कमी और सूखे के चलते खेती करना मुश्किल हो गया। इसलिए मेरे पिता ने हमारी जमीन बेच दी और काम के लिए औरंगाबाद में बस गए।

मेरे माता-पिता ने अपनी तीन बेटियों को शिक्षित करने के लिए मेहनत की। मैंने उनके संघर्ष को देखा है। मैंने अपने माता-पिता को अपनी सीमित आय की वजह से कई खुशियों को कुर्बान करते हुए देखा है। मैं जो कुछ भी करना चाहती थी, वह सब मैंने किया। 2003 में उन्होंने एडवर्टाइजिंग एंजेसी बनाई थी, जिससे वह लक्जरी लाइफ जी रही थीं। मगर, फिर कुछ ऐसा था जिसे मैं मिस कर रही थी। मैं अब खुशी नहीं महसूस कर पा रही थी।

फिल्मों में करियर के दौरान शुरू हुआ सोशल वर्क

अपने पति और माता-पिता और पति के समर्थन से राजश्री ने उसे छोड़ दिया और 2009 में सिनेमा और कला के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना शुरू किया। इसी समय उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा करने और मित्रों के जरिये सामाजिक गतिविधियों में शामिल होना शुरू कर दिया।

साल 2015 में जब राजश्री महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में पांधीरी नामक एक छोटे से गांव का दौरा किया। ग्रामीणों ने उनके सुझावों को हल्के में लिया और कहा कि बहुत से लोग आते हैं और कई सुझाव देते हैं, लेकिन कोई भी उनके लिए काम नहीं करता है। इसके बाद से 2000 की आबादी वाले इस गांव में राजश्री ने काम करना शुरू किया।

दोस्तों से ली मदद और बदल दिया गांव का हाल

उन्होंने फिल्म उद्योग में अपने दोस्तों से मदद ली और कुछ पैसे जमाकर गांव में काम करना शुरू कर दिया। उसके दोस्त मकरंद ने उसे एक पोकलैंड मशीन मुहैया कराकर मदद की और गांव में बारिश के पानी को जमा करने के लिए उन्होंने काम किया।

आज पूरे गांव को पूरे साल तक पानी मुहैया रहता है। इसके बाद उन्होंने गांव में शौचालय बनवाने और ग्रामीणों को उसका इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया। राजश्री ने इस काम के लिए भी सब्सिडी लेने के लिए हर ग्रामीण की कागजी कार्यवाही पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया। बीते वर्षों में गांवों के लिए काम करने के बाद राजश्री ने महसूस किया कि गांवों को उनकी जरूरत है। इस तरह उसने अपने गैर सरकारी संगठन नभांगन का हाल ही में पंजीकरण कराया है। 


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