महाराष्ट्र: किसानों का आंदोलन खत्म होने के आसार, राज्य सरकार ने मानी मांगे
राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बैठक के बाद बताया कि हमने किसानों की ज्यादातर मांगे मान ली हैं और इसको लेकर लिखित में एक पत्र भी दिया है।
मुंबई, जेएनएन। अपनी मांगों को लेकर नासिक से पैदल मार्च कर मुंबई पहुंचे हजारों किसानों के लिए राहत भरी खबर है। राज्य सरकार ने किसानों की अधिकतर मांगे मान ली हैं। जिसके बाद आंदोलन के खत्म होने के आसार लग रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बैठक के बाद बताया कि हमने किसानों की ज्यादातर मांगे मान ली हैं और इसको लेकर लिखित में एक पत्र भी दिया है।
इससे पहले महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने बताया था कि हमारी किसानों के साथ सकारात्मक बातचीत हुई है। उन्होंने कहा' किसानों की 12-13 मांगे हैं जिसमें से कुछ मान ली गई हैं। मुझे लगता है कि वो इससे संतुष्ट होंगे।' वहीं राज्य सरकार के एक और मंत्री वी सावरा ने कहा 'किसानों की शिकायत है कि जो हमारी जमीन है उससे कम उनके नाम पर है, तो जितनी भी जमीन वो खेती कर रहे हैं वो उनके नाम पर होनी चाहिए। मुख्यमंत्री इस मांग पर सहमत हैं। मुख्य सचिव इस बारे में आगे की कार्रवाई करेंगे और 6 माह में क्रियान्वन करेंगे।'
बता दें कि अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में नासिक से निकला किसानों का जत्था मुंबई के आजाद मैदान में डटा हुआ है। पूर्ण कर्जमाफी यानी कर्जमुक्ति जैसी मांगों को लेकर ये किसान करीब 200 किलोमीटर की पदयात्रा के बाद मुंबई पहुंचे हैं। नाराज किसानों ने आज विधानसभा का घेराव करने का ऐलान भी किया था।किसानों के इस आंदोलन पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। शिवसेना पहले ही किसानों का अपना समर्थन देने का वाद किया है वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी ने इस पूरे देश के किसानों की समस्या बताई है।
राहुल गांधी ने कहा यह पूरे देश की समस्या
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि ये केवल महाराष्ट्र के किसानों की समस्या नहीं, बल्कि पूरे देश के किसानों की है। बता दें कि मुंबई में बच्चों की बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं, जिसके चलते आज छात्रों का इम्तिहान है। इस दौरान परीक्षा का ध्यान रखते हुए पेपर के बाद ही किसान मोर्चा विधानसभा की तरफ कूच करेगा।
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फडणवीस सरकार ने बनाई कमेटी
किसानों की मांगों पर विचार के लिए फडणवीस सरकार ने एक कमेटी बनाई है, जिसमें छह मंत्री शामिल हैं। कमेटी में चंद्रकांत पाटिल, पांडुरंग फुडकर, गिरीश महाजन, विष्णु सवारा, सुभाष देशमुख और एकनाथ शिंदे शामिल हैं।
30 हजार से ऊपर अांदोलनरत किसानों की संख्या
माकपा की किसान शाखा ऑल इंडिया किसान सभा ने छह मार्च को नासिक से मुंबई के लिए प्रस्थान किया था। रविवार को मुंबई पहुंचे इस पैदल मार्च में रास्ते से भी किसान शामिल होते गए और अब उनकी संख्या 30 हजार से ऊपर हो चुकी है। किसान सभा के महासचिव अजीत नवले के अनुसार, सोमवार सुबह नौ बजे सायन स्थित सोमैया ग्राउंड से यह मोर्चा रवाना होगा। दादर, भायखला, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस होते हुए यह विधानसभा पहुंचेगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अब कोई भी प्रदर्शन या मोर्चा दक्षिण मुंबई स्थित मंत्रालय या विधानसभा तक नहीं जा सकता। इसके बावजूद इस मोर्चे ने विधानसभा को घेरने का मन बना रखा है।
बता दें कि ऑल इंडिया किसान सभा के इस मोर्चे में ज्यादातर आदिवासी किसान हैं। इनकी मांगों में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के अलावा किसानों को संपूर्ण कर्ज माफी, प्रमुख जिंसों के डेढ़ गुना मूल्य देना, ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से त्रस्त होने की स्थिति में प्रति एकड़ 40 हजार रुपये तक मुआवजा देने जैसी मांगें शामिल हैं।
इस किसान मोर्चे के बहाने सियासी दल भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को घेरने में लग गए हैं। इनमें सरकार में शामिल शिवसेना भी शामिल है। शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने रविवार को किसान मोर्चा के मुंबई पहुंचने पर किसान नेताओं से मुलाकात की। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी किसानों को अपने समर्थन की घोषणा की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चह्वाण ने भी किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा है कि सरकार को उनकी मांगें मान लेनी चाहिए।