भारत में रोकी जा सकती है कोरोना की तीसरी लहर, नीति आयोग के सदस्य ने बताया उपाय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून से नई वैक्सीन नीति को लागू कर दिया और देश में वैक्सीन की मुफ्त खुराक देने का ऐलान किया। इस नीति के तहत केंद्र सरकार वैक्सीन खरीदेगी और राज्य सरकारों को मुहैया कराएगी।
नई दिल्ली, आइएएनएस। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि अगर पूरी तरह से सावधानी बरती जाए और ज्यादा से ज्यादा लोग टीकाकरण करवा लें तो कोरोना महामारी की तीसरी लहर को आने से रोका जा सकता है। अगर सभी लोग दिशा-निर्देशों का पालन करें और सभी अपना टीकाकरण करवा लें तो तीसरी लहर रोकी जा सकती है। बता दें कि सोमवार से देश में वैक्सीनेशन महाभियान की शुरुआत हो गई है। सोमवार का दिन भारत के टीकाकरण अभियान के लिए एतिहासिक रहा। कल एक दिन में वैक्सीन की 86.16 लाख से अधिक डोज लगाई गई। इस पर डॉ. पॉल ने कहा कि एक दिन का यह आंकड़ा दिखाता है कि देश में टीकाकरण अभियान आने वाले दिनों और हफ्तों में बड़े पैमाने पर पहुंच जाएगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून से नई वैक्सीन नीति को लागू करने का आह्वान किया था और पूरे देश में वैक्सीन की मुफ्त खुराक देने का ऐलान किया था । इसके तहत केंद्र सरकार वैक्सीन खरीदेगी और राज्य सरकारों को मुफ्त मुहैया कराएगी। 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोग किसी भी वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर वैक्सीन की डोज ले सकते हैं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के एक बयान में डॉ. पॉल के हवाले से कहा गया है, 'यह सब केंद्र और राज्य सरकारों के बीच योजना और समन्वय के कारण संभव हुआ है। डॉ. पॉल ने कहा कि 'तीसरी लहर आती है या नहीं यह हमारे हाथ में है। अगर हम दिशा-निर्देशों का पालन करते हैं और खुद को टीका लगवाते हैं तो तीसरी लहर क्यों आएगी। कई देश ऐसे हैं जहां दूसरी लहर भी नहीं आई है। यदि हम इन सभी बातों का ध्यान रखते हैं तो यह समय भी बीत जाएगा।'
वीके पॉल ने अर्थव्यवस्था और सामान्य कामकाज फिर से शुरू करने और देश को सक्षम बनाने के लिए तेजी से टीकाकरण के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक जीवन को बनाए रखना, स्कूल खोलना, व्यवसाय खोलना और हमारी अर्थव्यवस्था की देखभाल तभी हो पाएगी, जब तेज गति से टीकाकरण होगा और नागरिक इसमें सहयोग करेंगे। उन्होंने कोरोना वैक्सीन को लेकर फैल रही अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि यह सोचना एक बड़ी गलती है कि हमारे टीके असुरक्षित हैं। दुनिया के सभी टीकों की तरह हमारे टीकों को भी आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के तहत मंजूरी दी गई है।