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जिन्‍हें पहले सुना भी नहीं था महज तीन माह में वो लोगों की जुबान पर चढ़ गए, आखिर कैसे

कोरोना वायरस ने भले ही आकर दुनिया में दहशत फैला दी हो लेकिन इसकी बदौलत दुनिया को कुछ नए और सबसे अधिक प्रचलित शब्‍द भी मिल गए जो आज सभी की जुबान पर हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 06:50 PM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2020 07:19 AM (IST)
जिन्‍हें पहले सुना भी नहीं था महज तीन माह में वो लोगों की जुबान पर चढ़ गए, आखिर कैसे
जिन्‍हें पहले सुना भी नहीं था महज तीन माह में वो लोगों की जुबान पर चढ़ गए, आखिर कैसे

नई दिल्‍ली। पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुका कोरोना वायरस अब पांचवें महीने में प्रवेश कर चुका है। दिसंबर 2019 से लेकर अप्रैल 2020 के बीच लोगों ने इसकी वजह से काफी कुछ नया सीखा है। इस दौरान कुछ देशों और शहरों में हुए लॉकडाउन से लोगों को एक नया एक्‍सपीरियंस हुआ है। मिसाल के तौर पर यदि कोरोना वायरस का प्रकोप नहीं होता तो ये नहीं होता कि तमाम ऑफिस बंद हो जाएं, सड़कों पर गाडि़यों की आवाजें बंद हो जाएं। ये सपने में तो सच हो सकता था लेकिन हकीकत में इसका होना असंभव था। वर्तमान में अपनी छत से जब आसमान को निहारा जाता है तो मालूम होता है कि इतना सुंदर आसमान देखे तो जमाना बीत गया। इस नए एक्‍सपीरियंस के दौरान हम सभी ने कुछ नए शब्‍द भी सीखे, जिनका जिक्र आज से पहले हमारी जुबान पर कभी नहीं आया था। लेकिन आज ये दुनिया के सबसे प्रचलित शब्‍द हो गए हैं। टीवी से लेकर मोबाइल और सोशल मीडिया तक में इन शब्‍दों का धड़ल्‍ले से प्रयोग हो रहा है। इन शब्‍दों के मायने भी अब लोगों को समझ में आने लगे हैं। आज हम आपको इसकी ही जानकारी यहां पर दे रहे हैं। इन शब्‍दों से आप कुछ समय पहले तक अनजान थे, लेकिन अब नहीं हैं।

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लॉकडाउन

यह आपात स्थिति में लोगों को बचाने के लिए किया गया उपाय है, जिसको स्‍थानीय प्रशासन या सरकार लागू करती है। दुनिया में इसका प्रचलन व्‍यापक पैमाने पर पहली बार कोरोना वायरस के आने के बाद ही हुआ है लेकिन इतिहास में जब दुनिया में प्‍लेग फैलने का जिक्र आता है तो उसमें जहाजों को लॉकडाउन करने के प्रमाण मौजूद हैं। इसके अलावा हैजा जैसी बीमारियों के फैलने पर भी इसी तरह के कदम को उठाए जाने की बात भी इतिहास में दर्ज है। लेकिन इसका व्‍यापक पैमाने पर प्रचलन अमेरिका में हुए 9/11 हमले के बाद शुरू हुआ था। उस वक्‍त वहां के हवाई क्षेत्र को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया था। इसके बाद दिसंबर 2005 में न्‍यू साउथ वेल्‍स पुलिस फोर्स ने सदरलैंड शायर और इसके आसपास के तटों पर लॉकडाउन किया था। 30 जनवरी 2008 को यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के कैंपस की एक इमारत को एक अंजान खतरे से बचाने के लिए छह घंटों के लिए लॉकडाउन कर दिया गया था। अप्रैल 2008 में ही आग लगने के खतरे को देखते हुए केनेडियन सेकेंड्री स्‍कूल को लॉकडाउन किया गया था। अप्रैल 2013 में बोस्‍टन में लॉकडाउन किया गया था। यह लॉकडाउन बोस्‍टन की मैराथन में बम विस्‍फोट करने वाले आतंकी की धरपकड़ के लिए किया गया था। 2015 में ब्रसेल्‍स को सिक्‍योरिटी सर्विस ने लॉकडाउन किया था। ये लॉकडाउन पेरिस के हमलावर की तलाश के लिए किया गया था।भारत ने 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है।

सोशल डिस्टैन्सिंग

कोरोना वायरस के फैलने के बाद जिस शब्‍द प्रचलन बढ़ गया है और जो सभी की जुबान पर है वो है सोशल डिस्‍टेंसिंग। इसका अर्थ है दूसरे इंसान से 1-6 मीटर की दूरी बनाकर रखना। सोशल डिस्‍टेंसिंग का कनसेप्‍ट काफी पुराना है। सेंट लुईस में 1918 में जब फ्लू का पहला मामला सामने आया था तब प्रशासन ने स्‍कूलों को तत्‍काल प्रभाव से बंद कर दिया था । इसके अलावा किसी भी तरह से भीड़ जुटने पर पांबदी लगा दी गई थी और सभी को एक दूसरे से दूरी बनाने को कहा गया था। इसकी वजह से यहां पर दूसरी जगहों की अपेक्षा कम मौत हुई थीं। वहीं फिलाडेलफिया में फ्लू की वजह से काफी संख्‍या में लोग मारे गए थे।

क्वॉरंटीन

इस शब्द का मतलब होता है किसी को अलग थलग रखना। क्‍वारंटाइन शब्‍द दरअसल क्‍वारंटेना (quarantena) से आया है, जो वेनशियन भाषा का शब्‍द है। इसका अर्थ 40 दिन होता है। 1348-1359 के दौरान प्‍लेग से यूरोप की 30 फीसद आबादी मौत के मुंह में समा गई थी। इसके बाद 1377 में क्राएशिया (city-state of Ragus) ने अपने यहां पर आने वाले जहाजों और उन पर मौजूद लोगों को एक द्वीप पर 30 दिनों तक अलग रहने का आदेश जारी किया था। 1448 में इस क्‍वारंटाइन के समय को बढ़ाकर 40 दिन का कर दिया गया था। जब तक ये तीस दिनों तक था तो उसको ट्रेनटाइन कहा जाता था, जब ये 40 दिनों का हुआ तो इसको क्‍वारंटाइन कहा जाने लगा था।

सेल्फ आइसोलेशन या सेल्‍फ क्‍वारंटाइन

ये शब्‍द दरअसल, क्‍वारंटाइन से ही निकला है। इसका अर्थ है खुद को अलग कर लेना। इस शब्‍द का इससे पहले कोई इतिहास नहीं है। इसका अर्थ ये भी है कि ये आम बोलचार के बीच ही इजाद भी हुआ है। अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, तो लक्षण दिखने का इंतजार ना करें। कुछ दिनों के लिए अपने आप ही खुद को दूसरों से अलग कर लें। इसे सेल्फ आइसोलेशन कहते हैं।

पैंडेमिक

पैंडेमिक और एंडेमिक में काफी बड़ा अंतर है। दरअसल जब कोई बीमारी किसी शहर या राज्‍य या देश और एक महाद्वीप तक ही सीमित रहती है तब तक इसको एंडेमिक कहा जाता है। लेकिन जब बीमारी एक महाद्वीप से निकलकर पूरी दुनिया में फैल जाती है तो इसको पैंडेमिक कहा जाता है। ये एक ग्रीक शब्‍द है। इतिहास में ऐसी कई बीमारियों का जिक्र है जो एक देश और महाद्वीप से निकल कर पूरी दुनिया में फैल गई थीं। हैजा, चेचक, टीबी, प्‍लेग, ब्‍लैक डैथ जिसने 14 शताब्‍दी में लाखों लोगों की जान ली थी इनमें से ही एक था। 1918 में आया इंफ्लूएंजा या 2009 में आया H1N1 फ्लू भी एक पैंडेमिक ही था। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के मुताबिक किसी भी बीमारी की शुरुआत से लेकर उसके महामारी बनने तक की छह स्‍टेज होती हैं। वर्तमान में कोरोना संक्रमण से पूरी दुनिया पीडि़त है इसलिए विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इसको पैंडेमिक कहा गया है।

आउटब्रेक

आउटब्रेक का डिक्‍शनरी अर्थ किसी बीमारी या किसी भी खतरनाक चीज का अचानक बड़े पैमाने पर होना है। आधुनिक इतिहास में इस शब्‍द का भी प्रचलन इतने व्‍यापक स्‍तर पर पहले कभी देखने को नहीं मिला है।

वर्क फ्रॉम होम

ये कंसेप्‍ट भारत जैसे विकासशील देशों में पश्चिम की देन है। हालांकि कोरोना वायरस से पहले बड़ी कंपनियों में भी इसकी सुविधा कम ही देखने को मिलती थी। लेकिन आज काफी संख्‍या में लोग घर से ही बैठकर अपने काम को अंजाम देने में लगे हैं।

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