कोविड-19 के बीच शवों का अंतिम संस्कार करने को जाने जा रही हैं ये सिलीगुड़ी की तीन महिलाएं
तीनों ने यह कार्य तब संभाला जब उन्हें पता चला कि मृतक के परिजन अपने प्रियजनों के शवों का अंतिम संस्कार करने से कतरा रहे हैं जिनकी मृत्यु कोरोना वायरस से हुई हैं। संक्रमण का डर और अन्य कारणों से शव ऐसे ही छोड़ दिए जा रहे थे।
सिलीगुड़ी, एएनआइ। तीन सिलीगुड़ी की महिलाएं COVID-19 के कारण मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार करने को लेकर जाने जे रही हैं। सिलीगुड़ी की निवासी सोनाई चौधरी दासगुप्ता (32), जोयता सेनगुप्ता दत्ता (29) और दिशा मित्रा (25) ने कोविड-19 महामारी की पहली लहर के बाद से कई ऐसे संस्कार किए हैं। वे बिना कोविड से हुई मौतों का भी अंतिम संस्कार कर रहे हैं।
तीनों ने यह कार्य तब संभाला जब उन्हें पता चला कि मृतक के परिजन अपने प्रियजनों के शवों का अंतिम संस्कार करने से कतरा रहे हैं, जिनकी मृत्यु कोरोना वायरस से हुई हैं। बताया गया कि संक्रमण का डर और अन्य कारणों से शव ऐसे ही छोड़ दिए जा रहे थे, जिसका इनके द्वारा अपनी जान की परवाह किए बगैर अंतिम संस्कार किए गए।
जोयता सेनगुप्ता दत्ता ने कहा कि उन्होंने पिछले डेढ़ साल में लगभग 12 कोविड और अन्य शवों को जलाया है। उन्होंने आगे कहा, 'कभी-कभी हमें बुरा लगता है कि परिवार के सदस्य शरीर से दूरी बना रहे हैं और अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन कभी-कभी गर्व महसूस करते हैं कि हम मृतक के परिवार के सदस्य बन गए।'
सोनाई चौधरी दासगुप्ता ने कहा, 'कभी-कभी परिवार के सदस्य वीडियो काल के माध्यम से अंतिम संस्कार देखना चाहते थे, उन्होंने घाट पर आने से इनकार कर दिया था। हमारी टीम हमेशा इन शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार है। हमें गर्व है और हम जारी रखेंगे।'
समूह ने गुरुवार को सभी अनुष्ठान करने के लिए एक बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार किया, जिसके परिवार के सदस्यों की संख्या कम थी। हालांकि, इस महिला की मौत COVID-19 से नहीं हुई है।