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DATA STORY: 500 से कम वोटों से जीती गईं ये सीटें, अटकी थीं उम्मीदवार की सांसें

हिलसा विधानसभा सीट पर मुकाबला काफी रोचक रहा। मतगणना में किसी भी समय यह तय नहीं हो पा रहा था कि सीट कौन जीतेगा। पर अंत में जदयू के कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया ने राजद के अत्री मुनि उर्फ शक्ति सिंह यादव को 12 मतों से मात दी।

By Vineet SharanEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 04:41 PM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 04:42 PM (IST)
DATA STORY: 500 से कम वोटों से जीती गईं ये सीटें, अटकी थीं उम्मीदवार की सांसें
बछवारा सीट पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के अवधेश राय करीबी मुकाबले में भाजपा के सुरेंद्र मेहता से हार गए।

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/पीयूष अग्रवाल। बिहार विधानसभा चुनाव इस बार काफी दिलचस्प रहे। इन चुनावों में मतगणना के दौरान लगातार उतार-चढ़ाव आते रहे। शुरुआती रुझानों के दौरान कभी भी ये स्पष्ट नहीं हो रहा था कि कौन सत्ता पर काबिज होगा। अंतत: मतगणना के अंतिम दौर में यह स्पष्ट हो गया कि बिहार में एनडीए सरकार बनाएगा। पर इन चुनावों में कई ऐसी सीटें रहीं, जहां 500 से कम मतों से हार-जीत हुई है। एक सीट पर तो 12 मतों से एक उम्मीदवार ने जीत हासिल की। आइए नजर डालते हैं कि ऐसी कुछ सीटों पर-

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हिलसा- 12 मतों से दी मात

हिलसा विधानसभा सीट पर मुकाबला काफी रोचक रहा। मतगणना में किसी भी समय यह तय नहीं हो पा रहा था कि सीट कौन जीतेगा। पर अंत में जनता दल यूनाइटेड के कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया ने राष्ट्रीय जनता दल के अत्री मुनि उर्फ शक्ति सिंह यादव को 12 मतों से मात दी। कृष्ण मुरारी शरण को 61848 मत मिले तो अत्री मुनि को 61836 वोट हासिल हुए। बता दें कि हिलसा विधानसभा सीट नालंदा लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है। हिलसा विधानसभा सीट पर कुल 19 लोग मैदान में थे। इस सीट पर नोटा के पड़े मत जीत के अंतर से काफी अधिक थे। इस सीट पर 1022 मत नोटा को पड़े।

बारबीघा- 113 वोट से जीता मुकाबला

बारबीघा सीट पर भी मुकाबला कांटे का रहा। यह अंतिम समय तक तय नहीं हो पाया था कि इस सीट से जीतकर कौन विधानसभा जाएगा, लेकिन जनता दल यूनाइटेड के सुदर्शन कुमार ने कांग्रेस के गजानंद शाही को 113 मतों से पराजित कर दिया। सुदर्शन कुमार को 39878 मत मिले, तो गजानंद शाही को 39765 वोट हासिल हुए। इस सीट पर भी नोटा ने मुकाबले को रोचक कर दिया। इस सीट पर 3639 मत नोटा के पड़े। बारबीघा सीट से 10 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे।

रामगढ़ - त्रिकोणीय जंग में 189 मतों से मिली जीत

रामगढ़ सीट पर राजनीतिक संघर्ष काफी कड़ा था। जनता किसे अपना विधायक चुनेगी, इसके लिए मुकाबला बेहद पेचीदा था। इस सीट पर राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच त्रिकोणीय जंग थी। पर अंत में राजद के सुधाकर सिंह जनता का विश्वास जीतने में सफल रहे। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के अंबिका सिंह को 189 वोट से मात दी। सुधाकर सिंह को 58083 मत मिले तो अंबिका सिंह को 57894 वोट मिले। जबकि तीसरे नंबर पर रहे भाजपा उम्मीदवार अशोक कुमार सिंह को 56084 वोट हासिल हुए।

मैथानी सीट -333 मतों से हासिल जीत

मैथानी सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय दिखा। इस सीट पर जनता दल यूनाइटेड, लोकजनशक्ति पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट) के बीच तस्वीर पल-दर-पल बदल रही थी। इस सीट पर लोकजनशक्ति पार्टी के राजकुमार सिंह ने जनता दल यूनाइटेड के नरेंद्र कुमार सिंह को 333 मतों से हराया। लोकजनशक्ति पार्टी ने चुनावों में सिर्फ इसी सीट पर जीत हासिल की है। लोकजनशक्ति पार्टी के राजकुमार सिंह को 61364 और जनता दल यूनाइटेड के नरेंद्र कुमार को 61031 मत मिले। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट) के राजेंद्र प्रसाद सिंह तीसरे नंबर पर रहे। उन्हें 60599 वोट मिले।

भोरे- 462 वोट से बने विधायक

भोरे सीट पर मुकाबला जनता दल यूनाइटेड के सुनील कुमार और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (एम-एल) (एल) के जितेंद्र पासवान के बीच था। दोनों उम्मीदवारों के बीच जमकर चुनावी टक्कर रही। पर अंत में जनता दल यूनाइटेड के सुनील कुमार 462 मतों से चुनाव जीत गए। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (एम-एल) (एल) के जितेंद्र पासवान को 73605 मत मिले तो जनता दल यूनाइटेड के सुनील कुमार को 74067 वोट मिले।

देहरी- 464 वोट से जीती सीट

इस सीट पर राष्ट्रीय जनता दल और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधा मुकाबला था। राजद उम्मीदवार फते बहादुर सिंह ने भाजपा के सत्यनारायण सिंह को 464 वोट से हरा दिया। राजद उम्मीदवार फते बहादुर सिंह को 64567 मत मिले तो सत्यनारायण सिंह को 64103 वोट हासिल हुए। इस सीट पर नोटा को 2145 वोट मिले जो जीत के अंतर से काफी अधिक थे। इस सीट पर 14 उम्मीदवार मैदान में थे।

बछवारा -484 मतों से मिली जीत

बछवारा सीट पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया और भारतीय जनता पार्टी के बीच मुकाबला था। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के अवधेश कुमार राय करीबी मुकाबले में भाजपा के सुरेंद्र मेहता से हार गए। उन्हें 484 मतों से पराजय मिली। सुरेंद्र मेहता को 54738 वोट मिले तो अवधेश कुमार राय को 54254 वोट हासिल हुए। इस सीट पर 19 उम्मीदवार मैदान में थे। इस सीट पर नोटा को 945 मत हासिल हुए।  


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