Move to Jagran APP

मिठास ही नहीं, कैंसर जैसे रोगों से लड़ने की ताकत भी देगा यह आम, पढ़िए पूरी खबर

दशहरी की नई प्रजाति 51 कैंसर से बनने वाले लिवर कार्सीनोजिन को कम करेगा। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और कैंसर के सेल खत्म होने लगते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 11:33 AM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 11:34 AM (IST)
मिठास ही नहीं, कैंसर जैसे रोगों से लड़ने की ताकत भी देगा यह आम, पढ़िए पूरी खबर
मिठास ही नहीं, कैंसर जैसे रोगों से लड़ने की ताकत भी देगा यह आम, पढ़िए पूरी खबर

आशीष दीक्षित, उन्नाव। उत्तर प्रदेश में उन्नाव की सफीपुर से लेकर मोहान तक की आम बेल्ट दुनिया में मशहूर है। यहां का दशहरी न केवल स्वाद की मिठास दे रहा है, बल्कि रोगों से भी लड़ने में सहायक है। केंद्रीय उपोषणीय बागवानी अनुसंधान केंद्र ने दशहरी-51 पर शोध किया है, जिसमें औषधीय गुण दूसरी प्रजाति से कई गुना ज्यादा हैं। हालांकि जिले में अभी इसका उत्पादन 10 हजार मीट्रिक टन के आसपास है। इस आम की बड़ी खासियत यह है कि यह कैंसर सेल को नष्ट करने में भी सहायक है। इसमें क्षारीय गुण सबसे अधिक है, जिससे कैंसर के सेल नष्ट होते हैं।

loksabha election banner

दशहरी की नई प्रजाति 51 कैंसर से बनने वाले लिवर कार्सीनोजिन को कम करेगा। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और कैंसर के सेल खत्म होने लगते हैं। वरिष्ठ फिजीशियन डा. आलोक पांडेय ने बताया कि अधिक क्षारीय तत्व वाले फल हृदय और पेट के रोगियों के लिए फायदेमंद हैं, बशर्ते संतुलित मात्रा में खाया जाए। आने वाले दिनों में उन्नाव दशहरी-51 प्रजाति के आम का प्रमुख केंद्र होगा।

औद्योगिक प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षक केंद्र व केंद्रीय उपोषणीय बागवानी अनुसंधान केंद्र रहमतखेड़ा में आम की नई-नई प्रजातियां खोजने पर काम होता है। यह आम खासा मीठा तथा बड़ा होता है। जिला उद्यान अधिकारी डा. सुनील कुमार ने बताया कि दशहरी-51 कलमी को ग्राफ्ट कर बनाया गया है। यह आम अभी जिले में कम होता, लेकिन धीरे-धीरे इसका उत्पादन बढ़ने लगेगा।

गुणों से भरपूर

दशहरी-51 में 60 फीसद क्षारीय तत्व होता है। शरीर में कैंसर अम्ल और क्षार तत्व के असंतुलन से होता है। दशहरी-51 में क्वारसिटीन, अल्फा बीटा केरोटिन, एस्ट्रागालीन, फिसेटिन पाया जाता है। दशहरी-51 खास तौर पर स्तन व ग्रंथि कैंसर रोकने में सहायक है।

आम खाने के फायदे –

  • मोटापा कम करने के लिए लोग बडी मेहनत करते हैं, फिर भी उनका वजन नहीं घटता है। लेकिन, आम खाकर मोटापे को आसानी से कम किया जा सकता है।
  • कई आहार-विशेषज्ञों ने भी आम को वजन कम करने की दवा बताया है, क्योंकि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।
  • आम का राज इसकी गुठली में छिपा हुआ है। आम की गुठली में घुलनशील रेशा और वसा मौजूद होता है।
  • आम की गुठली में मौजूद रेशा और फैट शरीर से अतिरिक्‍त चर्बी को कम करने में बहुत सहायक होता है।
  • आम खाने से भूख कम लगती है और शरीर से अतिरिक्त कैलोरी भी बर्न हो जाती है। आम में लेप्टिन नामक केमिकल होता है जिससे भूख कम लगती है।
  • आम में लो कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है। इसमें पाया जाने वाला एडिपोनेक्टिन, कोलेस्ट्राइल को कम करता है और इंसुलिन के निर्माण को बढाता है जिसके कारण अतिरिक्त वसा अपने-आप ऊर्जा में बदल जाता है।
  • आम खाने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढती है।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.