DATA STORY : बिजली उत्पादन के लिए कोयले पर सबसे ज्यादा निर्भर हैं ये देश, जानें भारत का हाल
कोयले की कमी की यह समस्या इसलिए हुई है क्योंकि दोनों देशों में कोरोना संकट के बाद अब अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ रही हैं। वहीं इसी समय में मौसम संबंधी और पर्यावरण संबंधी दिक्कतों के चलते कोयले का उत्पादन कम हो रहा है। इससे बिजली आपूर्ति में कमी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। कोयली की कमी इस वक्त दुनिया को दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं चीन और भारत में मुद्दा बनी हुई है। इससे बिजली आपूर्ति में कमी का सामना करना पड़ रहा है। कोयले की कमी की यह समस्या इसलिए हुई है क्योंकि दोनों देशों में कोरोना संकट के बाद अब अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ रही हैं। वहीं इसी समय में मौसम संबंधी और पर्यावरण संबंधी दिक्कतों के चलते कोयले का उत्पादन कम हो रहा है।
इंबर की रिपोर्ट के मुताबिक भारत अब भी 70 फीसद बिजली का उत्पादन कोयले से करता है। कोयले से बिजली उत्पादन में भारत दुनिया में छठे स्थान पर है। चीन इस वक्त अक्षय ऊर्जा स्रोत पर काफी जोर दे रहा है लेकिन पर वह भी बिजली आपूर्ति के लिए बहुत हद तक कोयले पर ही निर्भर है। चीन में 61 फीसद बिजली का उत्पादन कोयले से कर रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत और चीन दोनों देश नाभिकीय, कोल और अक्षय ऊर्जा पर तेजी से निवेश कर रहे हैं क्योंकि दोनों देशों की अर्थव्यवस्था बढ़ रही हैं।
इस देश में सबसे ज्यादा कोयले पर निर्भरता
डाटा के मुताबिक दुनिया में बोत्सवाना वह देश है जो बिजली उत्पादन के लिए कोयले पर सबसे ज्यादा निर्भर है। इस दक्षिण अफ्रीकी देश में करीब-करीब संपूर्ण बिजली उत्पादन कोयले से ही होता है। वहीं बाल्कन रिपब्लिक देश कोसोवा में 95 फीसद बिजली उत्पादन कोल प्लांट से होता है। पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी यूरोप के कई देश कोयले पर निर्भर टॉप-10 देशों में शामिल हैं। वहीं मंगोलिया और दक्षिण अफ्रीका भी ऊर्जा के लिए इसी विकल्प से काम चला रहे हैं।
वहीं भारत की बात करें तो कोयले की कमी के चलते हुए बिजली संकट से अब भी कई राज्य उबर नहीं पाए हैं। पंजाब, उत्तराखंड, बिहार व मध्य प्रदेश में समस्या कायम है। राहत यह है कि उत्तराखंड, बिहार व मध्य प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में स्थिति कुछ सुधरी है। हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा व छत्तीसगढ़ में समस्या नहीं है। सबसे विकट स्थिति पंजाब में है।