Move to Jagran APP

Kumbh Mela 2019: इस बार आस्था की डुबकी के साथ रहस्य और रोमांच से भरपूर है कुंभ

Kumbh Mela 2019 में कई आयोजन पहली बार हो रहे, जो आपको रोमांच से भर देंगे। किन्नरों की रहस्यमय दुनिया से भी रूबरू हो सकेंगे। जानें- और क्या खास होगा इस बार कुंभ मेले में?

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 06:07 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 11:12 AM (IST)
Kumbh Mela 2019: इस बार आस्था की डुबकी के साथ रहस्य और रोमांच से भरपूर है कुंभ
Kumbh Mela 2019: इस बार आस्था की डुबकी के साथ रहस्य और रोमांच से भरपूर है कुंभ

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। लंबी प्रतीक्षा के बाद मंगलवार से कुंभ मेला 2019 (Kumbh Mela 2019) की शानदार शुरूआत हो चुकी है। मकर संक्रांति के पहले शाही स्नान ब्रह्म मुहुर्त से ही संगम तट पर संतों और लाखों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगानी शुरू कर दी है। इस बार का कुंभ कई मामलों में अनोखा है। इस बार कुंभ में पहली बार कई ऐसे आयोजन हो रहे हैं, जो आपको रोमांच से भर देंगे। साथ ही आपको कई नई चीजों के बारे में जानने का मौका मिलेगा। यही वजह है कि इस बार कुंभ में पहले के मुकाबले काफी ज्यादा संख्या में विदेशी मेहमान भी पहुंचे हैं। मतलब इस बार कुंभ में आस्था की डुबकी के साथ आपको रहस्य और रोमांच का पूरा पैकेज मिलेगा।

loksabha election banner

दुनिया की सबसे बड़ी टेंट सिटी
प्रयागराज में कुंभ मेले के लिए दुनिया की सबसे बड़ी टेंट सिटी तैयार की गई है। इन टेंट में लाखों लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। यहां टेंट में आलीशान सूईट से लेकर धर्मशालाएं तक बनी हैं। ये टेंट सिटी इतनी विशाल है कि इसे पैदल पूरा घूमना आसान नहीं होगा। यहां संगम तट पर बनी टेंट सिटी का एरियर व्यू इतना मनोरम होता है, जो आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेगा।

शाम को बन जाता है तारों का शहर
संगम तट किनारे आम तौर पर शाम या रात के वक्त अंधेरा रहता है, लेकिन कुंभ के दौरान यहां टेंट सिटी में आकर्षक लाइटिंग की जाती है। शाम को संगम तट पर अखाड़ों, साधू-संतों और श्रद्धालुओं द्वारा भव्य आरती की जाती है। कल-कल करती लहरों पर पड़ने वाली इन लाइटों और दीयों की रोशनी शाम को इसे झिलमिलाते तारों का शहर बना देती है। संगम पुल से इस नजारे को देखना बेहद मनोरम होता है। दुनिया में शायद ही कहीं और ऐसा नजारा देखने को मिलता है। इन नजारों को देखना किसी संयोग से कम नहीं।

यहां होता है बराबरी का एहसास
कुंभ मेले में आस्था को जो जमघट लगता है उसका हिस्सा बनकर आपको बराबरी का एहसास होता है। यहां करोड़पति और गरीब सब एक साथ आस्था की डुबकी लगाते हैं। हजारों आलीशान पांच सितारा सूईट वाले टेंट से लेकर साधारण टेंट, किसी मुगलकालीन शहर से जैसे लगने लगते हैं।

 

अखाड़े और उनकी पेश्वाई
हर बार कुंभ में साधु-संतों के 13 अखाड़े शामिल होते हैं। ये पहला मौका है जब कुंभ में 14 अखाड़े शिरकत करेंगे। कुंभ के दौरान इनकी भव्य पेश्वाई निकलती है। पेश्वाई का अभिप्राय इनकी शाही सवारी से है। इसमें हाथी, घोड़े, ऊंट, बग्घी, बैंड से लेकर सोने-चांदी से सजे सिंहासनों पर अखाड़ा प्रमुख सजधज कर बैठे होते हैं। इनकी सवारी के लिए अखाड़ों के शिविर से संगम तट तक एक विशेष राजपथ बनाया जाता है, जिस पर केवल अखाड़े ही चलते हैं। मार्ग के दोनों तरफ इनके सेवादार और श्रद्धालु आशीर्वाद पाने को खड़े रहते हैं। ये अखाड़े, साधू-संत और महंत कुंभ का प्रमुख आकर्षण होते हैं, जिन्हें देखने के लिए पूरी दुनिया से लोग यहां आते हैं। दुनिया भर के फोटोग्राफर इन पलों को अपने कैमरों में कैद करने के लिए हर वक्त मुस्तैद रहते हैं। दरअसल यही एक मौका होता है, जब सभी अखाड़े एक साथ जुटते हैं और पूरी भव्यता से अपनी पेश्वाई निकालते हैं।

पहली बार शामिल हो रहा किन्नर अखाड़ा
प्रयागराज कुंभ में पहली बार किन्नर अखाड़ा भी शामिल हो रहा है। इस बार कुंभ में जाने वाले लोग किन्नर अखाड़े की पेश्वाई भी देख सकेंगे। कुंभ में किन्नर अखाड़े को शामिल करने को लेकर पिछले दिनों अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने काफी हंगामा और विरोध भी किया था। बावजूद प्रशासन को उन्हें मंजूरी देनी पड़ी। इसके बाद किन्नर संयासियों के अखाड़े ने दो दिन पहले कुंभ में हाथी, घोड़े और ऊंट पर सवार होकर अपनी शानदार पेश्वाई निकाली थी। इस बार के कुंभ में नागाओं के बाद ये प्रमुख आकर्षण हो सकते हैं।

किन्नरों की दुनिया समझने को आर्ट विलेज
किन्नरों की दुनिया के नियम, कायदे सब आम लोगों से काफी अलग होते हैं। इसलिए लोगों को उनके जीवन के बारे में जानने की उत्सुकता हमेशा बनी रहती है। किन्नरों की इसी हैरतअंगेज दुनिया से रूबरे कराने के लिए कुंभ में किन्नर आर्ट विलेज भी बनाया गया है। यहां चित्र प्रदर्शनी, कविता, कला प्रदर्शनी, दृश्य कला, फिल्में, इतिहास, फोटोग्राफी, साहित्य, स्थापत्य कला, नृत्य एवं संगीत आदि के जरिए लोगों को किन्नरों की दुनिया से रूबरू कराया जाएगा। लोगों को रामायण और महाभारत में किन्नरों के महत्व और भूमिका के बारे में भी विस्तार से बताया जाएगा। यह आर्ट विलेज किन्नरों की रहस्यमयी दुनिया का झरोखा होगा।

पहली बार होगी देशी-विदेशी रामलीला
इस बार कुंभ में सांस्कृतिक संध्याओं से संगम तट को गुलजार करने के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। इसके लिए पहली बार कुंभ मेले में देशी-विदेशी रामलीला का मंचन भी होगा। इसके अलावा सरकारी और निजी संस्थाओं द्वारा भी मेले में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान यहां देश की सांस्कृतिक विरासत से भी रूबरू होने का मौका मिलेगा। इसके लिए कुंभ मेले में पांच विशाल सांस्कृतिक पांडाल बनाए गए हैं। यहां प्रतिदिन धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन होंगे।

हेलीकॉप्टर और क्रूज की सवारी
इस बार कुंभ मेले में आप क्रूज के अलावा हेलीकॉप्टर की सवारी का भी मजा किफायती कीमत पर ले सकते हैं। हेलीकॉप्टर के जरिए आप टेंट सिटी का एरियल व्यू देख सकेंगे। साथ ही इस विशाल मेले का हवाई नजारा ले सकेंगे। पर्यटकों को ये सुविधाएं सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वह कई किलोमीटर में फैले कुंभ के अद्भुत नजारों को अपनी आंखों से देख सकें।

टूरिस्ट वॉक का भी अवसर
कुंभ मेले में इस बार आपको आसपास के दर्शनीय स्थलों पर जाने की भी सुविधा मिलेगी। इसके लिए मेले में कुछ टूरिस्ट वॉक भी बनाए गए हैं। यहां आप टूर ऑपरेटरों से संपर्क कर पैकेज ले सकते हैं। मेले में शंकर विमान मंडपम से टूरिस्ट वॉक शुरू होगा जो रामघाट पर आकर खत्म होगा। इस बीच बड़े हनुमान जी का मंदिर, पातालपुरी मंदिर, अक्षय वट और इलाहाबाद का किला देख सकेंगे।

फेरी का मजा ले सकेंगे
कुंभ में आप यमुना नदी पर जलमार्ग से फेरी का मजा भी ले सकेंगे। फेरी सेवा सुजावन घाट से शुरू होकर रेल सेतु (नैनी की ओर) के नीचे से वोट क्लब घाट और सरस्वती घाट होता हुआ किला घाट पर जाकर खत्म होगा। ये फेरी करीब 20 किलोमीटर लंबी है। इस दौरान आपको की टर्मिनल मिलेंगे।

35000 का है सबसे आलीशान टेंट
कुंभ मेले का सबसे आलीशान टेंट 35000 रुपये प्रति रात का पांच सितारा सूईट जैसा है। ये टेंट 900 वर्ग फुट क्षेत्रफल में बना है। इसमें दो बेडरूम, एक लिविंग रूम, फर्निचर, बेड, प्राइवेट वाशरूम और एलईडी टीवी के साथ गृहस्थी का सारा सामना भी है। इसके अलावा यहां वैदिक टेंट सिटी में 24000 रुपये प्रति रात की दर पर टेंट में बना प्रीमियम विला भी है। यहां लग्जरी टेंट की कीमत 19,000 रुपये और 15,000 रुपये प्रति रात है। कल्प वृक्ष टेंट सिटी में 8500 रुपये से लेकर 3500 रुपये तक की कीमत के टेंट एक रात के लिए बुक कर सकते हैं। सबसे सस्ता टेंट 650 रुपये प्रति रात की दर से है। यहां 24 घंटे चलने वाले कई रेस्टोरेंट भी हैं, जहां आपको देशी-विदेशी हर तरह का शाकाहारी भोजन उपलब्ध होगा। इन रेस्टोरेंट में बिना लहसुन प्याज का भोजन भी विशेष तौर पर तैयार किया जाएगा।

कुंभ के रंग में रंगा प्रयागराज, विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी
कुंभ मेले को यादगार बनाने के लिए यहां पहली बार पेंटिगं भी देखने लायक होगी। सरकार ने पूरे प्रयाग को कुंभ के रंग में रंगने के लिए कई महीने पहले ही पेंट साई सिटी योजना शुरू कर दी थी। इसके तहत 600 से ज्यादा पेंटरों ने यहां के जर्रे-जर्रे को अपनी कूची और पेंट के जरिए कुंभ के रंग में रंग दिया है। पेंट माई सिटी योजना पर सरकार ने 30 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट खर्च किया है। पेंट माई सिटी योजना के तहत इलाहाबाद की नैनी जेल की दीवार पर समुद्र मंथन की सबसे बड़ी चित्रकारी बनाने का भी विश्व रिकॉर्ड बनाया जा रहा है। इसे गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए आवेदन किया जा चुका है।

सबसे बड़ा लेजर शो
कुंभ मेले में इस बार सबसे बड़े लेजर शो का भी आयोजन किया जाएगा। कहा जा रहा है कि ये लेजर शो इतना बड़ा होगा कि आप इसे एक किलोमीटर दूर से भी देख सकेंगे। इसके लिए कुंभ मेले में खास इंतजाम किए गए हैं। इसके जरिए लोगों को कुंभ की विशेषता, उसका पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व भी बताया जाएगा।

यह भी पढ़ें-
Army Day 2019: पाक राष्ट्रपति के बॉस रहे प्रथम भारतीय थल सेनाध्यक्ष को समर्पित है ये दिन

Makar Sankranti 2019: 14 से 15 जनवरी क्यों हुई, 1700 साल पहले दिसंबर में मनाई जाती थी
कैनेडियन एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने अमेरिका भेजे सैकड़ो पिज्जा, ट्रंप की जिद से जुड़ा है मामला

‘न काम बोल पाया और न साथ पसंद आया’, इसलिए यूपी में बदल गया चुनावी समीकरण


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.