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महिलाओं की शादी की उम्र बढ़ने से कई क्षेत्रों में होगा बदलाव, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

एसबीआइ इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं की शादी की उम्र में बढ़ोतरी होने पर लोगों के बीच महिलाओं की शिक्षा और उनकी शादी को लेकर मानसिक धारणा में बदलाव आएगा। अभी भारत में 35 फीसद से अधिक महिलाओं की शादी 21 साल से कम उम्र में हो जाती है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 06:58 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 06:58 PM (IST)
महिलाओं की शादी की उम्र बढ़ने से कई क्षेत्रों में होगा बदलाव, रिपोर्ट में हुआ खुलासा
महिलाओं की शादी की उम्र बढ़ने की सांकेतिक फोटो।

 नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। महिलाओं की शादी की वैधानिक उम्र में बढ़ोतरी होने पर देश में बीए पास महिलाओं की संख्या बढ़ जाएगी। अभी देश में 9.8 फीसद महिलाएं ही ग्रेजुएट हैं। एसबीआई इकोरैप का अनुमान है कि महिलाओं की शादी की उम्र को 18 साल से अधिक करने पर देश में ग्रेजुएट होने वाली महिलाओं की संख्या में कम से कम 5-7 फीसद की बढ़ोतरी हो सकती है। इसका फायदा यह होगा कि महिलाओं को मिलने वाले वेतन में बढ़ोतरी होगी। 

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पीएम मोदी ने की थी शादी की उम्र बढ़ाने की घोषणा 

मातृत्व मृत्यु दर के साथ शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी। जल्द ही सरकार महिलाओं की शादी की वैधानिक उम्र में बढ़ोतरी की घोषणा कर सकती है। अभी शादी के लिए महिलाओं की कानूनी उम्र 18 साल तो पुरुष की 21 वर्ष है। इस साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं की शादी की उम्र में जल्द ही बढ़ोतरी करने की घोषणा की थी। 

कई अन्‍य देशों की कतार में शामिल हो जाएगा भारत  

एसबीआइ इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं की शादी की कानूनी उम्र को 18 साल से बढ़ाकर 21 साल किया जा सकता है। इससे पहले वर्ष 1978 में शादी की उम्र को 15 साल से बढ़ाकर 18 साल किया गया था। उम्र में बदलाव होने पर भारत चीन, सिंगापुर और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों की कतार में शामिल हो जाएगा, जहां शादी की वैधानिक उम्र 21 साल है। दुनिया के 65 फीसद देशों में शादी की वैधानिक उम्र 18 साल है।

लोगों की मानसिक धारणा में आएगा बदलाव 

एसबीआइ इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं की शादी की उम्र में बढ़ोतरी होने पर लोगों के बीच महिलाओं की शिक्षा और उनकी शादी को लेकर मानसिक धारणा में बदलाव आएगा। अभी भारत में 35 फीसद से अधिक महिलाओं की शादी 21 साल से कम उम्र में हो जाती है। इस मामले में सबसे खराब स्थिति पश्चिम बंगाल की है, जहां 51 फीसद महिलाओं की शादी 21 साल से पहले होती है। रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि 12 साल या इससे अधिक समय तक स्कूल जाने वाली महिला की शादी की मीडियन उम्र 22.7 साल है जबकि स्कूल नहीं जाने वाली महिलाओं की शादी की मीडियन उम्र 17.2 होती है। 

एसबीआइ इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक ईसाई महिलाओं की शादी की मीडियन उम्र 21.6 वर्ष है। जैन धर्म मानने वाली महिला की शादी की मीडियन उम्र 21.2 तो सिख धर्म में यह उम्र 20.9 होती है। अन्य सभी धर्म में शादी की मीडियन उम्र 18-19.2 साल के बीच होती है।


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