Food Production: खाद्यान्न की होगी बंपर पैदावार, गेहूं में मामूली गिरावट; कृषि मंत्रालय ने जारी किया तीसरा अग्रिम अनुमान
दलहनी और तिलहनी फसलों की पैदावार बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे थे। इस बाबत किसानों को कई तरह के प्रोत्साहन भी दिए गए जिसका नतीजा उत्साहजनक साबित हुआ है। दलहनी फसलों की पैदावार 2.78 करोड़ टन होने का अनुमान है जो अपने आप में एक रिकार्ड है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चालू फसल वर्ष में खाद्यान्न की बंपर पैदावार का अनुमान है। जबकि रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की पैदावार में मामूली तीन प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। इस दौरान चावल, दलहन और तिलहनी फसलों का रिकार्ड उत्पादन होगा।
कृषि मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक, गेहूं की पैदावार में केवल 31 लाख टन कमी होने का अनुमान है। इससे साफ है कि देश में गेहूं की फिलहाल कोई कमी नहीं है। जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में चालू सीजन में कुल 31.45 करोड़ टन खाद्यान्न की पैदावार होगी जो 2020-21 के मुकाबले 37.7 लाख टन अधिक है। गेहूं की पैदावार 10.64 करोड़ टन होगी, जो पिछले साल के मुकाबले 31 लाख टन कम है। गेहूं की पैदावार का पहला अनुमान 11.13 करोड़ टन था, जबकि गेहूं उत्पादन का लक्ष्य 11 करोड़ टन रखा गया था। पिछले फसल वर्ष 2020-21 में गेहूं की कुल पैदावार 10.95 करोड़ टन हुई थी।
चावल जैसी प्रमुख फसल का उत्पादन 12.97 करोड़ टन होगा जो अब तक का रिकार्ड उत्पादन होगा। मोटे अनाज (पोषक तत्वों वाली फसलें) वाली फसलों का उत्पादन 5.07 करोड़ टन और मक्के का उत्पादन रिकार्ड 3.3 करोड़ टन रहेगा।
दलहनी फसलों की पैदावार 2.78 करोड़ टन होने का अनुमान
दलहनी और तिलहनी फसलों की पैदावार बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे थे। इस बाबत किसानों को कई तरह के प्रोत्साहन भी दिए गए, जिसका नतीजा उत्साहजनक साबित हुआ है। दलहनी फसलों की पैदावार 2.78 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो अपने आप में एक रिकार्ड है। सरकार ने दालों के उत्पादन का लक्ष्य 2.5 करोड़ टन ही रखा था। इसमें अरहर की पैदावार 43.5 लाख टन और चना की पैदावार 1.39 करोड़ टन रहने का अनुमान है जो अब तक की सर्वाधिक और निर्धारित लक्ष्य से अधिक है।
तिलहनी फसलों की रिकार्ड 3.85 करोड़ टन पैदावार होगी। इसमें मूंगफली 1.009 करोड़ टन, सोयाबीन 1.38 करोड़ टन और सरसों की पैदावार 1.18 करोड़ टन रहेगी। इन फसलों की पैदावार निर्धारित लक्ष्य से अधिक होगी। सभी वर्ग की फसलों में उत्पादन का अनुमान पिछले पांच वर्षों की कुल पैदावार के औसत से अधिक दर्ज किया गया है।