यूपी में होना चाहिए लालू-नीतीश का अनुसरण: पीएल पुनिया
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने बिहार में लालू-नीतीश के मिलन को सराहनीय करार दिया। कहा कि बिहार के तजुर्बे को यूपी में भी लागू होना चाहिए। उन्होंने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और बसपा अध्यक्ष सुश्री मायावती का नाम तो नहीं लिया लेकिन सेकुलर ताकतों के एक होने की वकालत की। वह सर्कि
जागरण संवाददाता, बरेली। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने बिहार में लालू-नीतीश के मिलन को सराहनीय करार दिया। कहा कि बिहार के तजुर्बे को यूपी में भी लागू होना चाहिए। उन्होंने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और बसपा अध्यक्ष सुश्री मायावती का नाम तो नहीं लिया लेकिन सेकुलर ताकतों के एक होने की वकालत की। वह सर्किट हाउस में 'जागरण' से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए बिहार से एक रास्ता दिखाया गया, जो मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में कारगर है। सेकुलर ताकतों को अहम छोड़कर एक होना होगा। उन्हें बिहार से सीखने की जरूरत है। बिहार में लालू और नीतिश के मिलन ने राजनीति जगत में एक नया उदाहरण पेश किया है। यही वर्तमान समय की मांग है। उत्तर प्रदेश के राजनीतिक नेताओं को इससे सबक लेने की जरूरत है। इससे उनकी ताकत बढ़ेगी।
पीएल पुनिया ने केंद्र सरकार के सौ दिन पूरे होने पर कहा कि प्रधानमंत्री ने नया कुछ नहीं किया, यूपीए सरकार के कामों का उद्घाटन करने में लगे हैं। दावा किया कि कांग्रेस ने विकास के इतने काम शुरू कराए थे, नरेंद्र मोदी दो साल तक उनका उद्घाटन करते रहेंगे। महाराष्ट्र और जम्मू में पावर प्लांट हो या आइएनएस विक्रांत, आइएनएस कोलकाता सेना को समर्पित करना, यह सभी काम कांग्रेस के हैं।
एक तरफ प्रधानमंत्री सांप्रदायिक सौहार्द की दुहाई दे रहे हैं, दूसरी तरफ संघ परिवार की तरफ से लगातार सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले बयान दिए जा रहे हैं। अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बुधवार को कमिश्नर और डीआइजी के साथ लंबित प्रकरणों की समीक्षा करेंगे।
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