कोरोना वायरस के प्रकारों में होता है मामूली अंतर, वैक्सीन को लेकर शोधकर्ताओं ने निकाली नई जानकारी
विज्ञान पत्रिका फ्रंटियर्स इन माइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक कोरोना वायरस के 48635 जीनोम के विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष दिया गया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कोविड-19 का कारण बनने वाले कोरोना वायरस को लेकर नई जानकारी सामने आई है। हालिया शोध के मुताबिक, भले ही इस वायरस के अब तक करीब छह प्रकार (स्ट्रेन) सामने आ चुके हैं, लेकिन इन सभी स्ट्रेन में अंतर बहुत मामूली है। इसलिए इस वायरस के खिलाफ कारगर दवा या टीका बनाने में थोड़ी आसानी हो सकती है।
विज्ञान पत्रिका फ्रंटियर्स इन माइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, कोरोना वायरस के 48,635 जीनोम के विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष दिया गया है। इटली की यूनिवर्सिटी ऑफ बोलोना के शोधकर्ताओं ने विभिन्न देशों में वायरस के प्रसार और इसमें हुए बदलाव का अध्ययन किया। इसमें पाया गया कि वायरस के अलग-अलग स्ट्रेन में अंतर ज्यादा नहीं होता। यहां तक कि सामान्य फ्लू के विभिन्न प्रकारों में भी इससे दोगुना तक अंतर देखा जा चुका है। शोधकर्ता फेडरिको ने कहा कि इन नतीजों से यह उम्मीद बढ़ी है कि कोरोना वायरस के खिलाफ जो दवा या वैक्सीन विकसित होगी, वह इसके सभी प्रकारों पर कारगर हो सकती है।
दुनियाभर में सबसे ज्यादा 'जी' स्ट्रेन है फैला
अब तक इस वायरस के छह स्ट्रेन पाए जा चुके हैं। सबसे पहले दिसंबर, 2019 में चीन के वुहान में इसका पहला 'एल' स्ट्रेन सामने आया था। इस साल जनवरी की शुरुआत में इसका 'एस' स्ट्रेन पाया गया। कुछ दिन बीतते-बीतते इसके 'वी' और 'जी' स्ट्रेन का पता चला। अभी दुनियाभर में सबसे ज्यादा 'जी' स्ट्रेन की फैला हुआ है। फरवरी के आखिर में कुछ जगहों पर 'जीआर' और 'जीएच' स्ट्रेन की पहचान हुई थी। इस समय करीब 74 फीसद मामले 'जी', 'जीआर' और 'जीएच' वायरस स्ट्रेन से जुड़े हैं।
वही, दूसरी ओर भारत में कोरोना के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में 52,050 मामले सामने आए हैं और 803 लोगों की मौत हो गई है।