भाजपा-शिवसेना में संवाद रखने वाले लोग नहीं रहेः उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे कहते हैं कि भाजपा और शिवसेना के बीच संवाद कायम करने का प्रयास दोनों दलों को मिलकर करना चाहिए।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का कहना है कि शिवसेना और भाजपा के बीच संवाद कायम करने वाले पुरानी पीढ़ी के लोग अब नहीं रहे। जिसके कारण कई बार भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है।
उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना को साक्षात्कार देते हुए कहा कि पहले भी शिवसेना का दिल्ली से संवाद कम ही होता था।
लेकिन तब अटल जी एवं आडवाणी जी जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे से प्रमुख मुद्दों पर चर्चा कर लिया करते थे। उस समय भाजपा में प्रमोद महाजन जैसे नेता थे, जो महाराष्ट्र के होते हुए भी राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय थे और भाजपा-शिवसेना के बीच संवाद स्थापित करने का काम किया करते थे। उनके न रहने पर गोपीनाथ मुंडे भी दिल्ली के नेताओं तक शिवसेना की आवाज पहुंचाते रहते थे। लेकिन इन दोनों नेताओं के न रहने के बाद नई पीढ़ी आ गई। उसे आते ही सत्ता भी हांसिल हो गई। अब सत्ता पर मजबूती से काबिज होने के बाद उन्हें स्थिरता की ओर भी देखना चाहिए।
सामना के कार्यकारी संपादक संजय राऊत को साक्षात्कार देते हुए उद्धव ठाकरे कहते हैं कि भाजपा और शिवसेना के बीच संवाद कायम करने का प्रयास दोनों दलों को मिलकर करना चाहिए। उद्धव का कहना है कि उनके और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के बीच संवाद ठीकठाक है । लेकिन उनके और दिल्लीश्वर (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के बीच भी संवाद कायम रखने का प्रयास भाजपा को करना चाहिए। वह मोदी के कामकाज की तारीफ भी करते हैं।
एक सवाल का जवाब देते हुए वह कहते हैं कि मोदी सरकार ने अब तक कई अच्छे निर्णय किए हैं। उनमें से चार-पांच छांटकर बताना मुश्किल है। लेकिन अब तक लिए गए निर्णयों में से कुछ के परिणाम भी अब सामने आने चाहिए। इनका लाभ देश के आम आदमी को मिलते नजर आना चाहिए।
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