अल्पसंख्यक आयोग का दावा आगरा में नहीं हुआ धर्मातरण
उप्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने आगरा, अलीगढ़ में धर्मातरण का दावा झुठला दिया है। शासन को भेजी आयोग की जांच रिपोर्ट में कहा गया है, 'केंद्र से मकान दिलाने के लालच पर कुछ लोगों को हवनकुंड के सामने बैठाया गया और इसे हिंदू धर्म जागरण समिति ने धर्मातरण के रूप
लखनऊ। उप्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने आगरा, अलीगढ़ में धर्मातरण का दावा झुठला दिया है। शासन को भेजी आयोग की जांच रिपोर्ट में कहा गया है, 'केंद्र से मकान दिलाने के लालच पर कुछ लोगों को हवनकुंड के सामने बैठाया गया और इसे हिंदू धर्म जागरण समिति ने धर्मातरण के रूप में प्रचारित कराया जबकि वे लोग अब भी इस्लाम धर्म के अनुयायी हैं।'
जांच रिपोर्ट में प्रशासन पर उंगली उठाने से गुरेज किया गया है, अलबत्ता खुफिया की नाकामी का जिक्र जरूर है। आगरा में धर्मातरण व अलीगढ़ में 'घर वापसी' कार्यक्रम के एलान पर राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष शकील अहमद ने चार सदस्यीय जांच दल गठित कर उसे जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। 19 दिसंबर से शुरू हुई जांच की रिपोर्ट दो फरवरी को तैयार हुई है, जिसे सरकार को भेज दिया गया है। आयोग के अध्यक्ष ने दावा किया है कि धर्मातरण की बातें बेबुनियाद और निराधार हैं।
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