महाराष्ट्र में सिंचाई घोटाले का जिन्न फिर बाहर
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 70 हजार करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले का जिन्न फिर बाहर आ गया है। घोटाले की जांच रिपोर्ट पर तैयार कार्रवाई रिपोर्ट का खुलासा होने के बाद भाजपा ने दोषी मंत्रियों के विरुद्ध फौजदारी मामला दर्ज करने की मांग शुरू कर दी है।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 70 हजार करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले का जिन्न फिर बाहर आ गया है। घोटाले की जांच रिपोर्ट पर तैयार कार्रवाई रिपोर्ट का खुलासा होने के बाद भाजपा ने दोषी मंत्रियों के विरुद्ध फौजदारी मामला दर्ज करने की मांग शुरू कर दी है। सिंचाई घोटाले में लगे आरोपों के बाद ही राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जांच समिति गठित होने के बाद हालांकि उन्होंने फिर उपमुख्यमंत्री पद संभाल लिया था। राकांपा कोटे के एक अन्य वरिष्ठ मंत्री भी आरोपों के घेरे में हैं।
सूबे की कांग्रेसनीत गठबंधन सरकार के 15 वर्षीय कार्यकाल के दौरान सिंचाई विभाग में हुए घोटाले की जांच राज्य सरकार के आदेश पर जल प्रबंधन विशेषज्ञ माधवराव चितले की अध्यक्षतावाली समिति ने की थी। शुक्रवार को लीक हुई समिति की कार्रवाई रिपोर्ट में दोषी अधिकारियों पर फौजदारी कार्रवाई की सिफारिश की गई है और संदेह के घेरे में आए मंत्रियों पर कार्रवाई का फैसला सरकार पर छोड़ दिया गया है।
कई माह पहले सरकार को सौंपी गई 700 पेज की यह रिपोर्ट और उस पर कार्रवाई रिपोर्ट अब तक विधानमंडल में पेश नहीं की गई है। जबकि, विधानपरिषद में विपक्ष के नेता विनोद तावड़े ने समिति की रिपोर्ट पर चर्चा की मांग भी की थी। माना जा रहा था कि सरकार मानसून सत्र के अंतिम दिन यह रिपोर्ट सदन में रखेगी, ताकि इस पर चर्चा से बचा जा सके।
लेकिन, शुक्रवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष देवेंद्र फणनवीस द्वारा कार्रवाई रिपोर्ट का खुलासा किए जाने के बाद इस पर पर्दा डालने की सरकार की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले विपक्ष कार्रवाई रिपोर्ट में दोषी माने गए मंत्रियों पर फौजदारी कार्रवाई की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाएगा और विधानसभा चुनाव में भी इसे मुद्दे की तरह इस्तेमाल करेगा।