गाड़ी में लगे एक डिवाइस की बदौलत चोरों के लिए अब आसान नहीं रहेगा आपकी गाड़ी चुराना
मोबाइल फोन से ही बंद हो सकेगा चोरी हुई गाड़ी का इंजन, घर बैठे ही पता चलेगी गाड़ी की लोकेशन, पता चलेगा कि चालक ने एसी ऑन किया है या नहीं
शिमला [रमेश सिंगटा]। गाड़ी चोरी करना अब चोरों के बाएं हाथ का खेल नहीं रहेगा। यदि आपकी गाड़ी चोरी हो जाती है तो ‘हम ढूंढें’ डिवाइस के जरिये मोबाइल फोन से ही चोरी हुई गाड़ी का इंजन बंद हो सकेगा। मालिक को घर बैठे ही अपनी गाड़ी की लोकेशन और तमाम जरूरी सूचनाएं मिल सकेंगी जैसे चालक ने एसी ऑन किया है या नहीं। इन जानकारियों के आधार पर वाहन मालिक पुलिस को सूचना देकर जहां वाहन चोर को पकड़वा सकेंगे, वहीं वे अपनी कीमती गाड़ी को भी वापस पा सकेंगे।
अब गाड़ियों को चोरी होने से आसानी से बचाया जा सकता है। यदि गाड़ी चोरी हो भी गई तो तत्काल नुकसान नहीं हो पाएगा। हिमाचल से हर साल खासकर सेब सीजन में कई ट्रक चोरी हो जाते हैं। प्रदेश में गाड़ियों के चोरी होने के मामले बढ़ रहे हैं।
ऐसे में वाहन मालिकों के लिए ‘हम ढूंढ़ें’ डिवाइस व इससे जुड़ी मोबाइल फोन एप काफी मददगार साबित हो सकती है। यह डिवाइस पुलिस की भी मदद करेगी। पुलिस चोरी हुए वाहनों को आसानी से ट्रेस नहीं कर पाती है। राज्य से चोरी हुए कई वाहनों का अब तक पता नहीं लग पाया है। इस डिवाइस को लेट्स टै्रक डिवाइस कंपनी ने बनाया है।
पूर्व मंत्री बाली की गाड़ी भी हुई थी चोरी
पूर्व मंत्री जीएस बाली की सरकारी गाड़ी चोरी हो गई थी। पुलिस जांच में पता चला था कि यह गाड़ी पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रिय चोर गिरोह के पास पहुंच गई थी। इसी तरह राज्य में कई बार अंतरराज्यीय गिरोह सक्रिय रहा। दो साल पहले मंडी में ऐसा गिरोह पकड़ा गया था।
हिमाचल में 14 लाख पंजीकृत वाहन
हिमाचल में करीब 14 लाख छोटे बड़े वाहन पंजीकृत हैं। इनके अलावा पड़ोसी राज्यों के लाखों वाहन राज्य में दौड़ते हैं। पार्किंग की उचित व्यवस्था न होने के कारण कई वाहन सड़कों किनारे खड़े किए जाते हैं। इससे इन वाहनों के चोरी होने का खतरा बढ़ जाता है।
तकनीक से मिली सफलता
कुछ समय पूर्व नालागढ़ से गाड़ी चोरी हुई थी। ‘हम ढूंढ़ें’ डिवाइस से इस गाड़ी की लोकेशन उत्तर प्रदेश में मिली। बाद में एक ढाबे के बाहर से गाड़ी बरामद हो गई। वहीं, सोलन के बाघा से चोरी हुआ ट्रक आनंदपुर साहिब में मिला। ट्रक के मालिक जुल्फीराम शर्मा ने मोबाइल एप से वाहन का इंजन बंद कर दिया था। इसी तरह के कई अन्य उदाहरण भी है जहां इस डिवाइस की मदद से वाहन मालिकों को उनकी गाड़ी बरामद हो सकी है।
‘हम ढूंढ़ें’ डिवाइस की कीमत तीन हजार से लेकर नौ हजार रुपये तक है। यह डिवाइस टू-व्हीलर से लेकर ट्रक तक में लग सकती है और इसे मोबाइल फोन एप से जोड़ा जाता है। इसमें एंटी थेप्ट अलार्म की भी सुविधा है। इंजन कितनी देर चला, कितनी गाड़ी दौड़ी व उसकी स्पीड कितनी रही, यह सूचना भी मोबाइल फोन पर मिलेगी।
-ललित सभ्रवाल, उत्तर भारत प्रमुख,
लेट्स टै्रक डिवाइस कंपनी