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दुनिया का एक और अजूबा होगी सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

शिल्पकार राम सुतार का कहना है कि प्रतिमा को सिंधु घाटी सभ्यता की कला से बनाया गया है। इसमें 4 धातुओं का उपयोग किया गया है जिसमें बरसों तक जंग नहीं लगेगी।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 13 Oct 2018 07:07 PM (IST)Updated: Mon, 15 Oct 2018 09:27 AM (IST)
दुनिया का एक और अजूबा होगी सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
दुनिया का एक और अजूबा होगी सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी यूं ही नहीं बन गई। 182 मीटर ऊंची इस मूर्ति को बनाने में हजारों मजदूर व सैकड़ों इंजीनियर तो महीनों तक जुटे ही, साथ ही अमरीका, चीन से लेकर भारत के शिल्पकारों ने भारी मेहनत की। सरदार का चेहरा कैसा हो और भावभंगिमा कैसी हो इसे तय करने में काफी समय लग गया। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि आने वाले समय में यह प्रतिमा कभी दुनिया के अजूबे में गिनी जाए।

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दुनिया भर की मूर्तियों का किया गया शोध
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमाओं का इतिहास खंगाला तो चीन में बुद्ध की प्रतिमा सबसे ऊंची 128 मीटर थी, उसके बाद अमरीका का स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी 90 मीटर पर भारत में वह भी नदी के पट में 182 मीटर लंबी प्रतिमा को खड़ा करने का सपना देखना और उसे साकार करना एक बड़ी चुनौती वाला काम है। शिल्पकार पद्मश्री राम सुतार और उनके पुत्र अनिल सुतार अब अपनी कला को दुनिया के सामने लाने को बेताब हैं।

उन्होंने बताया कि जब मोदी को इसका खयाल आया तो अमेरिकन आर्किटेक्चर माइकल ग्रेस और टनल एसोसिएट्स कंपनी को साथ लेकर इस पर शोध किया गया। भारत में लगी सरदार की विविध प्रतिमाओं का महीनों अवलोकन कर सरदार के नैन नक्श और चेहरे की आकृति को रूप दिया गया। मोदी चाहते थे कि सरदार लोगों के दिलों में जिस तरह बसे हैं, प्रतिमा का स्वरूप भी वैसा ही होना चाहिए। मोदी ने काम का जिम्मा सौंपा सरदार सरोवर नर्मदा निगम के अध्यक्ष और गुजरात के हाइवे व कैनालमैन एसएस राठौड़ को।

Sardar statue in Gujarat

44 माह में बनकर तैयार हुई प्रतिमा
सरदार सरोवर नर्मदा बांध, हाइवे व हजारों किमी नर्मदा नहर बनाने वाले राठौड़ की देखरेख में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी एक रिकार्ड समय करीब 44 माह में बनकर तैयार हो गई। जबकि अमरीका की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण में 5 साल का वक्त लगा।

वहीं चीन में बुद्ध की 420 फीट ऊंची यह प्रतिमा करीब 90 साल में बनी थी। शिल्पकार राम सुतार का कहना है कि प्रतिमा को सिंधु घाटी सभ्यता की कला से बनाया गया है। इसमें 4 धातुओं का उपयोग किया गया है जिसमें बरसों तक जंग नहीं लगेगी। स्टैच्यू में 85 फीसदी तांबा का इस्तेमाल किया गया है। सरदार का चेहरा कैसा हो, इसके लिए सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट की एक कमेटी बनी जिसमें दस लोग शामिल थे। एल एंड टी कंपनी ने उनके चेहरे, कपड़े और चादर का 3 डी चेहरा बनाया। उसके बाद 30 फीट का चेहरा बनाया। इसे दिल्ली आकर दिखाया गया तो मंजूरी मिलने के बाद इस पर काम शुरू हुआ।

 Sardar statue in gujarat

सभी राज्‍यों को दिया जा रहा न्‍यौता
31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। सरदार ने देश के एक करीब छह सौ देश रजवाड़ों को मिलाकर देश का एकीकरण किया था इसलिए देश के सभी राज्यों को इसका न्‍यौता भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी जहां आमंत्रण देने असम पहुंचे, वहीं उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने मुंबई में सीएम देवेन्द्र फडणवीस को न्यौता दिया तथा गुजरातियों से स्टेच्यू ऑफ युनिटी आने का आग्रह किया। 


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