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फेक करेंसी मामले में एनआइए की विशेष कोर्ट ने तीन आरोपियों को सुनाई छह साल की जेल की सजा

यह मामला 7 अगस्त 2018 का है जब बेंगलुरु के मदनयाकानहल्ली में 2000 रुपये के नोटो की गड्डियों के साथ 6.84 लाख रुपये के नकली नोटों जब्त किए गए थे। इसके साथ ही चार लोगों को पकड़ा गया और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 04:20 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 04:20 PM (IST)
फेक करेंसी मामले में एनआइए की विशेष कोर्ट ने तीन आरोपियों को सुनाई छह साल की जेल की सजा
दो हजार की गड्डियों के साथ जब्त किए गए थे छह लाख से ज्यादा रुपये

बेंगलुरु, एजेंसियां। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक विशेष अदालत ने फेक इंडियन करेंसी की तस्करी मामले में तीन लोगों को छह साल की सजा सुनाई है। एनआइए ने कहा कि तीनों को 1 दिसंबर को सजा सुनाई गई थी। एजेंसी ने कहा कि मामले में चार अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

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बता दें कि यह मामला 7 अगस्त 2018 का है, जब बेंगलुरु के मदनायकाना हल्ली में 2,000 रुपये के नोटो की गड्डियों के साथ 6.84 लाख रुपये के नकली नोटों जब्त किए गए थे। इसके साथ ही चार लोगों को पकड़ा गया और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

इस मामले में पश्चिम बंगाल के साबिरुद्दीन और अब्दुल कादिर भी हैं शामिल

ये चारों आरोपी मोहम्मद सज्जाद अली, एम जी राजू, गंगाधर रमप्पा कोलार और वनिता थे। उनकी गिरफ्तारी के एक महीने बाद एनआइए ने जांच शुरू की और तीन और लोगों को गिरफ्तार कर लिया। जिनमें कर्नाटक के विजय और पश्चिम बंगाल के मालदा के साबिरुद्दीन और अब्दुल कादिर हैं।

उनका एक साथी जहीरुद्दीन अभी भी फरार है। एनआइए ने कहा कि अली, राजू और अब्दुल कादिर को दोषी करार दिया गया और 20,000 रुपये के जुर्माने के साथ छह साल के जेल की सजा सुनाई गई।


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