राष्ट्रपति ने झारखंड हत्याकांड के दो दोषियों की दया याचिका ठुकराई
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने झारखंड में एक ही परिवार के आठ सदस्यों की हत्या करने के दो दोषियों की दया याचिका ठुकरा दी है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने झारखंड में एक ही परिवार के आठ सदस्यों की हत्या करने के दो दोषियों की दया याचिका ठुकरा दी है। नौ वर्ष पहले हुए इस जघन्य हत्याकांड में मारे गए लोगों में एक दिव्यांग युवक भी शामिल था।अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि राष्ट्रपति ने मोफिल खान और मुबारक खान की दया याचिका खारिज कर दी।
इन दोनों आरोपियों ने 2007 में हनीफ खान की तेज धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। हत्या के समय हनीफ एक मस्जिद में नमाज अता कर रहे थे। यह घटना झारखंड के लोहरदगा जिले के मकांडू गांव में घटी थी। हनीफ की हत्या करने के बाद दोनों ने उसकी पत्नी और उसके छह बेटों की भी हत्या कर दी। मारे गए बेटों में से एक दिव्यांग था।
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स्थानीय पुलिस ने मोफिल और मुबारक व उसके दो सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।जांच के बाद वहां की स्थानीय अदालत ने सभी आरोपियों को मौत की सजा सुनाई थी। झारखंड हाई कोर्ट ने मोफिल और मुबारक की सजा बहाल रखी, लेकिन दो अन्य की सजा उम्रकैद में बदल दी। अक्टूबर 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दोनों आरोपियों की मौत की सजा बहाल रखी थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गृह मंत्रालय के माध्यम से राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर की गई। जुलाई 2012 में राष्ट्रपति बनने के बाद से अब तक मुखर्जी 26 दया याचिका ठुकरा चुके हैं। इनमें 26/11 आतंकवादी हमला मामले में दोषी ठहराए गए अजमल कसाब और 1993 के दोषी याकूब मेमन भी शामिल हैं। दो मामलों में राष्ट्रपति ने मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया।
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