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India China Tension: जिस स्थान पर भारत और चीन के बीच हुई थी खूनी झड़प, अब वहां से पीछे हट रहा ड्रैगन

एलएसी पर गलवन घाटी से चीनी सैनिकों के पीछे हटने को तनाव घटाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा मगर इसके बावजूद सूत्रों ने साफ कहा कि भारतीय सेना अब भी बेहद अलर्ट है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 04:15 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 01:41 AM (IST)
India China Tension: जिस स्थान पर भारत और चीन के बीच हुई थी खूनी झड़प, अब वहां से पीछे हट रहा ड्रैगन
India China Tension: जिस स्थान पर भारत और चीन के बीच हुई थी खूनी झड़प, अब वहां से पीछे हट रहा ड्रैगन

संजय मिश्र, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव घटाने की पहल जारी रखते हुए चीन ने मंगलवार को भी गलवन घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 से अपने सैनिकों को पीछे हटाना शुरू कर दिया है। जबकि हॉट स्प्रिंग और गोगरा इलाके से भी चीनी सैनिकों के पीछे हटने का सिलसिला शुरू हो गया है।

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भरोसेमंद उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 से चीनी सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया में दो से तीन दिन पूरी की जाएगी। तनातनी के हर प्वाइंट से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया में समय इसीलिए लगेगा क्योंकि कोर कमांडर स्तर पर बनी सहमति के अनुसार दोनों पक्षों के कमांडर जमीनी स्तर पर मौका-मुआयना कर एक दूसरे से पुष्टि करेंगे।

सूत्रों के अनुसार इस बात की पुख्ता संभावना है कि पेट्रोल प्वाइंट 14 के बाद बुधवार को चीनी सेना हॉट स्प्रिंग में पेट्रोलिंग प्वाइंट 17 और 17ए से भी पीछे हटना की प्रक्रिया शुरू कर देगी। अगले दो से तीन दिनों में इन जगहों से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट जाएंगी इसके पुख्ता संकेत हैं। हॉट स्प्रिंग और गोगरा इलाके से मंगलवार को ठीक-ठाक तादाद में चीनी सैनिकों के पीछे हटने की सूत्रों ने पुष्टि करते हुए कहा कि 30 जून को दोनों देशों के कोर कमांडरों की वार्ता में सहमत बिन्दुओं के अनुसार तनातनी घटाने की पहल पर अमल शुरू हुआ है। इसके तहत एलएसी पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच करीब तीन किलोमीटर का बफर जोन बनाए रखना है। ताकि गलवन घाटी में 15-16 जून की रात को हुए खूनी संघर्ष जैसी नौबत को टाला जा सके।

तनाव घटाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

एलएसी पर गलवन घाटी से चीनी सैनिकों के पीछे हटने को तनाव घटाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा मगर इसके बावजूद सूत्रों ने साफ कहा कि भारतीय सेना अब भी बेहद अलर्ट है। गलवन घाटी की घटना के मद्देनजर चीनी सैनिकों के कदमों पर तब तक सेना भरोसा नहीं करेगी जब तक विवादित जगहों से पीएलए की वापसी को भारतीय सेना अपनी कसौटी पर इसे स्थाई नहीं आंक लेती। इसीलिए पूर्वी लद्दाख के सभी अग्रिम मोर्चो पर भारतीय सेनाएं दिन रात कड़ी निगरानी के साथ हाई अलर्ट मोड में हैं। पीएलए को लेकर सेना का यह संशय स्वाभाविक भी है क्योंकि अभी भी चीनी सैनिक पैंगोंग त्सो लेक और डेपसांग जैसे रणनीतिक रुप से बेहद अहम इलाकों में अपने हथियारों और साजो-समान के साथ टेंटों में मौजूद हैं।

डोभाल और वांग के बीच हुई थी बातचीत

हालांकि भारत चीन सीमा विवाद मेकेनिज्म के भारतीय प्रतिनिधि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी प्रतिनिधि चीन के विदेश मंत्री वांग के बीच रविवार को फोन पर हुई लंबी वार्ता के बाद सोमवार को चीनी सैनिक गलवन घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 से हटे उससे एलएसी पर तनाव में कमी आने की उम्मीद बंधी है। डोभाल और वांग की बातचीत के बाद चीनी विदेश मंत्रालय की तनाव घटाने को लेकर बीजिंग की उत्सुकता और सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पीपी-14 से शुरू किया जाना इस उम्मीद को और बल देता है। गलवन के इसी मोर्चे पर खूनी संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों ने अपनी जांबाजी दिखाते हुए शहादत दी थी। इस संघर्ष में कई चीनी सैनिक भी मारे गए और इनकी संख्या को लेकर चीन ने अभी तक रहस्य का पर्दा डाला हुआ है।

6 जून को दोनों देशों के कोर कमांडरों की हुई थी पहली बैठक

पूर्वी लद्दाख में मई के पहले हफ्ते में कई जगहों पर चीनी सैनिकों के एलएसी का अतिक्रमण करने से शुरू हुए विवाद के दो महीने बाद तनाव घटाने की पहल शुरू होने से पूर्व दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर कई दौर की वार्ताएं हुई। 6 जून को कोर कमांडरों की पहली बैठक में एलएसी पर अतिक्रमण विवाद का हल निकालने की सहमति बन गई। लेकिन गलवन घाटी के हिंसक संघर्ष के बाद हालात ज्यादा गंभीर हो गए। फिर 22 जून की दोनों पक्षों के कोर कमांडरों की दूसरी बैठक में तनाव के बढे़ तापमान को घटाने पर चर्चा हुई और 30 जून की इनकी तीसरी बैठक में सैनिकों को चरणबद्ध रुप से पीछे हटाने की प्रक्रिया पर सहमति बनी। डोभाल और वांग की वार्ता में इस पर आखिरी सहमति बनने के बाद दोनों देशों ने अपने सैनिकों को पीछे हटाने का सिलसिला शुरू किया। सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की कि मंगलवार को गलवन घाटी में पीपी 14 पर चीनी और भारतीय दोनों में से किसी के सैनिक विवाद के स्थल पर नहीं हैं। दोनों देशों की सेनाएं इस प्वाइंट से करीब दो किलोमीटर पीछे हटी हैं।


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