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असम में बाढ़ से 37 की मौत, बीएसएफ चौकी में भी भरा पानी

नई दिल्ली। असम में बाढ़ की वजह से स्थिति आज भी चिंताजनक बनी हुई हैं। बाढ़ ने आज चार और लोगों की जान ले ली जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 37 हो गई हैं। इसके साथ ही बाढ़ का पानी बीएसएफ की चौकियों में प्रवेश कर गया

By Test1 Test1Edited By: Published: Sun, 06 Sep 2015 10:50 AM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2015 01:13 PM (IST)
असम में बाढ़ से 37 की मौत, बीएसएफ चौकी में भी भरा पानी

नई दिल्ली। असम में बाढ़ की वजह से स्थिति आज भी चिंताजनक बनी हुई हैं। बाढ़ ने आज चार और लोगों की जान ले ली जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 37 हो गई है। इसके साथ ही बाढ़ का पानी बीएसएफ की चौकियों में प्रवेश कर गया हैं। पानी भारत-बांग्लादेश की सीमा में भी घुस गया हैं।

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बाढ़ पीड़ितों का हो पुनर्वास

आपदा प्रबंधन के ऑकडो के मुताबिक लगभग तीन 3 लाख अपनें घरों से बेघर होकर राहत शिविर में रहनें को मजबूर हैं। राज्य सरकार द्वारा बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए 320 राहत शिविर लगाए गए हैं। बाढ़ की स्थिति के कारण काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के जानवरोें को ऊचें मैदानी इलाकों में स्थानांतरित किया जा रहा हैं।

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बाढ़ पीड़ितों का हो पुनर्वास राज्य के 21 जिलों के लगभग 16.5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस चरण में मरने वालों की संख्या 37 हो गई है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि ब्रह्मपुत्र और इसकी सहायक नदियों का पानी 2100 गांव में घुस गया है। जिसमें 1.5 लाख हैक्टयर एकड़ में लगी फसलें प्रभावित हुई है।

ब्रहमपुत्र नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जिस कारण सोनितपुर, गुवाहाटी और गोलपाड़ा और धुबरी जिले में खतरा लगातार बना हुआ हैं। इसके साथ-साथप्रभावित जिलों में, धेमाजी, कोकराझार, बोंगाईगांव, सोनितपुर, बारपेटा, गोलपाड़ा, मोरीगांव, कछार, लखीमपुर, जोरहट, तिनसुकिया, दरांग, बक्सा, नल्बाड़ी, कामरूप, डिब्रूगढ़, शिवसागर, गोलाघाट और नागांव शामिल हैं।डिब्रूगढ़ प्रशासन ने प्रभावित लोगों को बचाने और राहत अभियान के लिए सेना को बलाया है। फिलहाल बाढ़ कि स्थिति बेहद खराब हैं। जिसके चलतें लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया हैं।


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