Move to Jagran APP

मरीज से पहले अस्पताल पहुंच जाएगी मरीज के आने की सूचना

'मरीज कैट्स (केंद्रीय दुर्घटना एवं अभिघात सेवा) एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचने वाला है', यह सूचना मरीज के पहुंचने से पहले ही अस्पताल में डॉक्टर को मिल जाएगी। दिल्ली सरकार ने कैट्स एंबुलेंस सेवा के कंट्रोल रूम को अत्याधुनिक बनाने की कवायद शुरू कर दी है।

By Edited By: Published: Sun, 20 Jul 2014 08:50 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jul 2014 09:29 AM (IST)
मरीज से पहले अस्पताल पहुंच जाएगी मरीज के आने की सूचना

नई दिल्ली (रणविजय सिंह)। 'मरीज कैट्स (केंद्रीय दुर्घटना एवं अभिघात सेवा) एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचने वाला है', यह सूचना मरीज के पहुंचने से पहले ही अस्पताल में डॉक्टर को मिल जाएगी। दिल्ली सरकार ने कैट्स एंबुलेंस सेवा के कंट्रोल रूम को अत्याधुनिक बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) व जीआइपी (जियोग्राफिक इंफार्मेशन सिस्टम) के जरिए अधिकारी एंबुलेंस पर पल-पल नजर रखेंगे। साथ ही एंबुलेंस में सड़क हादसे के पीड़ितों, गर्भवती महिलाओं व गंभीर मरीजों के सवार होने पर पहले अस्पताल को अलर्ट करने की सुविधा होगी। ताकि अस्पताल पहुंचने पर मरीज का इलाज तुरंत शुरू हो सके। यह सुविधा साल के अंत तक शुरू हो जाएगी।

loksabha election banner

दिल्ली में सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। हर रोज पांच व्यक्ति सड़क हादसे में जान गंवाते हैं। हार्टअटैक होने पर भी मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाता है और न इलाज हो पाता है। इसलिए इमरजेंसी में कम समय में एंबुलेंस उपलब्ध कराने के लिए कंट्रोल रूम को अत्याधुनिक बनाने की कवायद शुरू की गई है। इसके लिए विजय घाट के नजदीक स्थित कैट्स एंबुलेंस सेवा के कंट्रोल रूम को ताहिरपुर स्थित राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में स्थानांतरित किया जाएगा। जहां 300 वर्ग फीट में अत्याधुनिक कंट्रोल रूम बनेगा।

स्क्रीन के जरिए रहेगी नजर

एंबुलेंस में लगे जीपीएस सिस्टम को और दुरुस्त किया जाएगा। कंट्रोल रूम व सचिवालय में अधिकारियों के कार्यालय में स्क्रीन लगेगी। जीपीएस व जीआइपी मैप के जरिए स्क्रीन पर 24 घंटे एंबुलेंस की लोकेशन का पता चल सकेगा। इस पर दिल्ली सरकार के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी भी नजर रखेंगे।

रंग बताएगा एंबुलेंस की स्थिति

कंट्रोल रूम में यह भी पता चल सकेगा कि कौन सी एंबुलेंस मरीज को अस्पताल भर्ती कराने ले जा रही है और कौन खड़ी है। स्क्रीन पर लाल रंग व्यस्त व नीला रंग खड़ी एंबुलेंस की स्थिति बताएगी। इस आधार पर खड़ी एंबुलेंस को कॉल स्थानांतरित किया जा सकेगा।

कंट्रोल रूम से दी जाएगी सूचना

कंट्रोल रूम से इलाके में स्थिति अस्पताल को मरीज के बारे में सूचना दी जाएगी। जिससे मरीज के पहुंचने के पहले अस्पताल में जरूरी तैयारी की जा सके।

कॉल करने वाले को नहीं बताना पड़ेगा पता

राजधानी में फिलहाल 152 कैट्स एंबुलेंस दौड़ रही हैं। 110 एंबुलेंस शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है। अभी एंबुलेंस को फोन करने वाले को अपना नाम-पता बताना पड़ता है। पर कंट्रोल रूम को अत्याधुनिक बनाए जाने के बाद नाम-पता नहीं बताना पड़ेगा।

पढ़ें: यह है सरकार की एंबुलेंस सेवा का सच

पढ़ें: मुख्यमंत्री ने दिखाई 102 एंबुलेंस सेवा को हरी झंडी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.