सेना के बेड़े में शामिल हुई इजरायली स्पाइक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, 'टैंक किलर' के नाम से मशहूर
भारतीय सेना ने इजरायली स्पाइक मिसाइलों का एक बड़ा शामिल किया है। यह दुश्मनों के टैंको के चीथड़े उड़ाने का दम रखता है।
नई दिल्ली, एजेंसी। भारत की सैन्य ताकत को और अधिक बढ़ाने के मकसद से भारत लगातार काम कर रहा है। दुश्मनों के टैंकों के तबाह करने के लिए भारतीय सेना अपने बेड़े में इजरायली एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल शामिल कर रही है। सेना ने इन खतरनाक गाइडेड मिसाइलों को सीमित संख्या में बेड़े में शामिल करना शुरू भी कर दिया है। अभी इन मिसाइलों को एक ही बेड़ा भारत आया है। बता दें, डीआरडीओ अगले साल तक इन एंटी-टैंक मिसाइलों को स्वदेशी तकनीत से बना लेगा तो उसके बाद इजरायली स्पाइक मिसाइलों की जरूरत नहीं होगी।
जब यह मिसाइलें स्वदेशी तकनीक से बना ली जाएंगी उसके बाद इन्हें थल सेना में शामिल किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक 210 स्पाइक मिसाइलों का पहला बेड़ा और करीब दर्जनभर लॉन्चर 10 दिन पहले ही भारत लाए गए हैं। स्पाइक मिसाइलों की बात करें तो इसकी रेंज 4 किलोमीटर तक होती है। दरअसल इस साल 26 फरवरी को बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भारतीय सेना ने इन स्पाइक मिसाइलों की खरीद को मंजूरी दी थी।
सेना के सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल स्पाइक मिसाइलों का सिर्फ एक ही जत्था मंगवाया गया है, अगर डीआरडीओ अगले साल तक स्वदेशी तरीक से इन एंटी-टैंक मिसाइलों को नहीं बना पाचा तो फिर और मिसाइलों को खरीदा जाएगा। हालांकि डीआरडीओ ने भरोसा दिया है कि वह 2020 तक इन मिसाइलों को यूजर ट्रायर के लिए भेज सकता है। बता दें, इसी साल मार्च के करीब डीआरडीओ ने एटीजीएम मिसाइल का सफल परीक्षण भी किया।
क्या होता है ATGM?
यह ऐंटी टैंक गाइडेड मिसाइल होती है जो उच्च तकनीक से बने आर्म्ड टैंकों को भी ध्वस्त कर सकती है। यह तीन तरह की होती है। एमपी यानी मैन पोर्टेबल, एमएम यानी माउंट मिसाइल और तीसरी हेलिकॉप्टर माउंट मिसाइल।
दुश्मन को जवाब देने के अलावा अब भारत ने अब अपनी ताकत का विस्तार करना शुरू कर दिया।