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देश में एक माह के अंदर लौटेगी मां अन्नपूर्णा की मूर्ति, 100 साल पहले हुई थी चोरी

वर्ष 1981 में विंनिपेग एमबी कनाडा में जन्मी दिव्‍या मेहरा के प्रयासों से इस मूर्ति को देश में वापस लाने की सूरत बनी थी। आर्टिस्‍ट दिव्या मेहरा ने इस मूर्ति को देखने के बाद यह मामला उठाया था।

By Neel RajputEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 03:56 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 03:56 PM (IST)
देश में एक माह के अंदर लौटेगी मां अन्नपूर्णा की मूर्ति, 100 साल पहले हुई थी चोरी
मन की बात कार्यक्रम में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस मूर्ति का किया था जिक्र

नई दिल्ली, जेएनएन। देश में एक महीने के अंदर मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा वापस लाई जाएगी। पिछले छह माह के प्रयास के बाद देश में एक माह के अंदर मां अन्नपूर्णा की मूर्ति लौटेगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इसके लिए कागजी कार्रवाई पूरी कर ली है। दिल्ली पहुंचने के बाद मूर्ति को सीधे बनारस ले जाया जाएगा। इस मूर्ति को 100 साल पहले चोरी कर लिया गया था, जो कनाडा में मिली है। मन की बात कार्यक्रम में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस मूर्ति का जिक्र कर चुके हैं।

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29 नवंबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में इस मूर्ति का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि मूर्ति कनाडा से वापस लाना काशी के लिए गर्व का पल होगा।

वर्ष 1981 में विंनिपेग, एमबी, कनाडा में जन्मी दिव्‍या मेहरा के प्रयासों से इस मूर्ति को देश में वापस लाने की सूरत बनी थी। आर्टिस्‍ट दिव्या मेहरा ने इस मूर्ति को देखने के बाद यह मामला उठाया था। उन्होंने कहा था कि इसे अवैध रूप से कनाडा में लाया गया था। उनकी सक्रियता के बाद यह बात सामने आई कि मैकेंजी ने सौ साल पहले भारत की यात्रा की थी और उस समय वो वाराणसी भी आए। मूर्ति के एक हाथ में खीर और दूसरे हाथ में अन्‍न मौजूद है।

अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति वापस आने के साथ ही उम्मीद है कि यह अन्नपूर्णा दरबार का सौ साल बाद एक अभिन्न हिस्सा बन जाएगी। भारतीय कलाकार दिव्या मेहरा को गैलरी के स्थायी संग्रह में पता चला था कि 1936 में मैकेंजी ने इस मूर्ति की वसीयत करवाई थी और गैलरी संग्रह में जोड़ा गया था। दिव्या ने मुद्दा उठाते हुए कहा था कि यह अवैध रूप से कनाडा में लाई गई थी। शोध में पता चला कि मैकेंजी ने 1913 में भारत यात्रा की थी। यह मूर्ति उसके बाद ही यहां से कनाडा पहुंची।


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