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चंडीगढ़ में रहते हैं देश में सबसे खुश रहने वाले लोग : सर्वे

पंजाब के लोगों को आम तौर पर जिंदादिल और हर हाल में खुश रहने वाले के तौर पर माना जाता है। यह बात एक सर्वे से भी साबित होती है। इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वाली देश की प्रमुख कंपनी एलजी के सर्वे के मुताबिक चंडीगढ़ के बाशिंदे देश में सबसे ज्यादा

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Thu, 11 Jun 2015 07:42 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2015 07:53 PM (IST)
चंडीगढ़ में रहते हैं देश में सबसे खुश रहने वाले लोग : सर्वे

नई दिल्ली । पंजाब के लोगों को आम तौर पर जिंदादिल और हर हाल में खुश रहने वाले के तौर पर माना जाता है। यह बात एक सर्वे से भी साबित होती है। इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वाली देश की प्रमुख कंपनी एलजी के सर्वे के मुताबिक चंडीगढ़ के बाशिंदे देश में सबसे ज्यादा खुश रहने वाले लोगों में है। हो सकता है कि यह चंडीगढ़ का ही असर हो कि देश की राजधानी दिल्ली के लोग मेट्रो शहरों में सबसे ज्यादा खुश रहने वाले लोगों में शामिल है। वैसे सूची में दूसरे शहर के तौर पर लखनऊ है। सर्वे ने असम की राजधानी गुवाहाटी के लोगों को सबसे कम खुश रहने वालों के तौर पर चिन्हित किया है।

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अलग तस्वीर पेश करता है सर्वे

एलजी इंडिया की तरफ से किया गया सर्वेक्षण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुश रहने वाले देशों के सर्वेक्षण से काफी अलग तस्वीर पेश करता दिखता है। व‌र्ल्ड हैप्पीनेस सर्वे के अप्रैल, 2015 में जारी आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा खुश रहने वाले 158 देशों में भारत का स्थान 117वां था। पाकिस्तान, बांग्लादेश, इराक, फलस्तीन जैसे आंतकवाद प्रभावित देश के लोग भी भारत से ज्यादा खुश रहने वालों में थे। लेकिन एलजी की सर्वे भयंकर गर्मी व प्रदूषण, महिला सुरक्षा के तमाम समस्याओं के बावजूद दिल्ली वालों को सबसे खुश रहने वाले लोगों में बता रहा है। यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि आम तौर पर ज्यादा शांत व बेहतर जीवन स्तर वाले दक्षिण राज्यों के लोगों के मुकाबले उत्तर भारत के लोग ज्यादा खुश रहते हैं। सर्वे ने चंडीगढ़, लखनऊ और दिल्ली को क्रमश: पहला, दूसरा और तीसरा स्थान दिया है।

16 शहरों में किया सर्वे

एलजी इंडिया के प्रमुख (कारपोरेट मार्केटिंग) नीलदारी दत्ता कहना है कि, 'उनकी कंपनी ने भारत में खुशी के मायने को समझने के लिए पहली बार इस तरह का सर्वे किया है। पहले चरण में सिर्फ 16 शहरों में यह सर्वे किया गया है। लेकिन अब इसका विस्तार किया जाएगा। ज्यादा शहरों को जोड़ा जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र को भी इसमें शामिल किये जाने की योजना है ताकि पूरे भारत की एक समग्र स्थिति का पता चल सके।' माना जा रहा है कि इससे कंपनी को अपनी आगे की रणनीति बनाने में आसानी होगी कि भारतीय ग्राहकों को किस तरह से ज्यादा खुश रखा जा सकता है।

खुशी मापने के पांच पैमाने

भारतीयों के खुशी को मापने के लिए पांच स्तरीय पैमाना बनाया गया है। इसमें सबसे पहला व्यक्ति की सोच, मकसद, आपातकालीन स्थिति की तैयारी, नए तरह के उत्पादों तक पहुंच को रखा गया है। दूसरा, उसकी जीवन की प्रगति, वित्तीय हालात, संपत्तियां, अवसर, शारीरिक स्थिति आदि को सम्मिलित तौर पर रखा गया है। तीसरे स्थान पर खुशी जैसे कुछ करने की आजादी, परिवारों के साथ समय व्यतीत करने को रखा गया है।

इसके बाद व्यक्ति की समाज (परिवार के अलग) के साथ रिश्ते, किसी काम के प्रति उसकी लगन (पैशन) आदि को रखा गया है। पांचवा मानक व्यक्ति के आस पास का समाज व आर्थिक वातावरण है जो इंसान की जिंदगी को काफी प्रभावित करते हैं। चंडीगढ़, दिल्ली और लखनऊ के लोगों ने परिवार के साथ ज्यादा समय व्यतीत करने को अपनी खुशी की सबसे बड़ी वजह बताई है।


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