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बनी रहेगी Internet की आजादी, अब कंपनियां नहीं कर सकेंगी स्पीड की हेराफेरी

इंटरनेट सेवा प्रदाता या सोशल मीडिया कंपनी कंटेंट उपलब्ध कराने से लेकर इंटरनेट की स्पीड के मामले में किन्हीं खास या पसंदीदा वेबसाइट को तरजीह नहीं दे पाएंगी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 08:47 AM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 12:58 PM (IST)
बनी रहेगी Internet  की आजादी, अब कंपनियां नहीं कर सकेंगी स्पीड की हेराफेरी
बनी रहेगी Internet की आजादी, अब कंपनियां नहीं कर सकेंगी स्पीड की हेराफेरी

नई दिल्ली [ जागरण ब्यूरो ] । लोगों तक बिना किसी भेदभाव के निर्बाध इंटरनेट की पहुंच बनाए रखने के लिए सरकार ने नेट न्यूट्रलिटी के नियमों को मंजूरी दे दी है। नियमों के उल्लंघन या इंटरनेट की सुविधा देने के मामले में किसी भी तरह का भेदभाव करने पर कड़े दंड का प्रावधान किया गया है। कोई भी मोबाइल ऑपरेटर, इंटरनेट सेवा प्रदाता या सोशल मीडिया कंपनी कंटेंट उपलब्ध कराने से लेकर इंटरनेट की स्पीड के मामले में किन्हीं खास या पसंदीदा वेबसाइट को तरजीह नहीं दे पाएंगी।

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दूरसंचार आयोग ने बुधवार को टेलीकॉम जगत की नियामक संस्था ट्राई की ओर से सुझाए गए नेट न्यूट्रलिटी के नियमों को मंजूरी दी। इसके तहत कुछ एप्लीकेशन को छोड़कर बाकी सेवाओं के लिए सेवा प्रदाताओं द्वारा किसी संस्था विशेष को अधिक इंटरनेट स्पीड प्रदान करने की अनुमति नहीं मिलेगी।

दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने कहा, ‘आयोग ने ट्राई की ओर से अनुशंसित नेट न्यूट्रलिटी को मंजूरी दी है, लेकिन केवल कुछ महत्वपूर्ण सेवाओं को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा। आयोग ने नई दूरसंचार नीति के नाम से चर्चित राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति-2018 को भी मंजूरी दे दी है। अब इसे सरकार की मुहर के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा।’

ट्राई ने पिछले साल नवंबर में जारी अपनी सिफारिशों में सेवा प्रदाताओं द्वारा ऐसे समझौते किए जाने पर पाबंदी लगा दी थी, जिनमें इंटरनेट पर कंटेंट के साथ भेदभाव किया जाता हो, लेकिन पब्लिक इंटरनेट के बजाय केवल इंटरनेट प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करने वाली कुछ सेवाओं को इस पाबंदी से छूट दी गई थी। उस वक्त ट्राई के अध्यक्ष आरएस शर्मा ने कहा था, ‘कुछ सेवाएं ऐसी हैं जहां सेवा की गुणवत्ता अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यही वजह है कि उन्हें नेट न्यूट्रलिटी के दायरे से बाहर रखा गया है। इनमें रिमोट सर्जरी, ऑटोनॉमस वाहन और लीज लाइनों के जरिये तैयार इंटरप्राइज-वायर्ड नेटवर्क शामिल हैं।’

बुनियादी ढांचे से ज्यादा जरूरी डिजिटल ढांचा : सुंदरराजन ने कहा, ‘आज की बैठक में मौजूद हर व्यक्ति का मानना था कि भारत के लिए भौतिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से ज्यादा महत्वपूर्ण डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत का कहना था कि हमें जल्द से जल्द जिला स्तर पर डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाना सुनिश्चित करना होगा।

उनके मुताबिक, ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के लिए भारत में आवश्यक नीतिगत वातावरण होना चाहिए।’ नए नियमों के तहत टेलीकॉम ऑपरेटर को रिटेल सेवा प्रदान करने वाले वचरुअल नेटवर्क ऑपरेटर्स (वीएनओ) को डबल टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। बैठक में शामिल एक अधिकारी का कहना था कि दूरसंचार आयोग ने सभी ग्राम पंचायतों में 12.5 लाख वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करने को भी मंजूरी दे दी है। इसके लिए नुकसान की भरपाई के तौर पर छह हजार करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी।

फेसबुक पर ठोका साढ़े चार करोड़ का जुर्माना

लंदन [एएफपी ] । यूजर का डाटा सुरक्षित नहीं रख पाने के चलते ब्रिटेन के डाटा नियामक ने सोशल मीडिया साइट ‘फेसबुक’ पर पांच लाख पौंड (करीब चार करोड़ 55 लाख रुपये) का जुर्माना लगाने का फैसला किया है। जांच में इस बात का पता चला है कि वर्ष 2016 के यूरोपीय यूनियन के जनमत संग्रह के दौरान फेसबुक में मौजूद यूजर के डाटा का दोनों तरफ से दुरुपयोग किया गया था। बता दें कि फेसबुक ने ब्रिटिश परामर्शदाता कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका की ओर से लगभग 8.7 करोड़ यूजर का डाटा चोरी किए जाने की बात स्वीकार की थी। इसी कंपनी ने वर्ष 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए चुनाव प्रचार अभियान चलाया था। हालांकि, कैंब्रिज एनालिटिका ने आरोपों को खारिज कर दिया था।

भारत में 12 करोड़ है एक यूजर के डाटा चोरी की कीमत

बेंगलुरु [ आइएएनएस ] । वर्ष 2017 में एक यूजर के डाटा चोरी की कीमत लगभग 11.9 करोड़ थी। यह वर्ष 2016 के मुकाबले आठ फीसद अधिक है। आइबीएम के लिए अमेरिका स्थित एक संस्थान द्वारा ‘कास्ट ऑफ यूजर ब्रीच’ (यूजर के डाटा चोरी की कीमत) पर आधारित अध्ययन के दौरान यह बात सामने आई है। गौरतलब है कि अमेरिका और मध्य एशिया में जहां डाटा चोरी की कीमत सबसे अधिक है, वहीं ब्राजील और भारत में सबसे कम है।


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