आखिरी 25 सीटों ने भी उड़ाई ममता की नींद, 84 फीसद हुआ मतदान
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने शुरू में योजना बनाई थी कि चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद कम से कम हफ्तेभर के लिए वह दीघा जाएंगी।
जागरण न्यूज नेटवर्क, कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने शुरू में योजना बनाई थी कि चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद कम से कम हफ्तेभर के लिए वह दीघा जाएंगी। समुद्र के किनारे छुट्टियां बिताएंगी। मतगणना होने तक वहीं से शासन चलाएंगी, लेकिन आखिरी वक्त में उन्होंने योजना बदल दी। वह कूचबिहार में चालसा के रिसोर्ट में चली गईं। वहां से गुरुवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण के मतदान के दौरान राजनीतिक रूप से दांव पर लगी सीटों की खोज-खबर लेती रहीं।
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छठे व आखिरी चरण में गुरुवार को शाम पांच बजे तक 84.24 फीसद मतदान हुआ। अंतिम चरण में 25 सीटों पर170 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा। ममता की नजर कूचबिहार की नौ और पूर्व मेदिनीपुर की 16 सीटों पर रहीं।
इन सीटों पर तृणमूल कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर है। इधर खासकर पूर्व मेदिनीपुर की सौ फीसद संवेदनशील घोषित विधानसभा सीटों पर छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहने की खबर है। कड़ी धूप के बावजूद लोग भारी तादाद में मतदान करने पहुंचे। पूर्व मेदिनीपुर में 85.09 व कूचबिहार में 82.71 फीसद वोट पड़े। दरअसल पिछले लोकसभा चुनाव में इन दोनों जिलों में 25 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस ने बढ़त बनाई थी। वहीं 2011 के विधानसभा चुनाव के दौरान तृणमूल कांग्रेस-कांग्रेस गठबंधन ने 21 सीटें जीत ली थीं। हालांकि इस बार कांग्रेस का गठबंधन वाममोर्चा के साथ है और लोकसभा चुनाव की तरह तृणमूल कांग्रेस अकेले जोर लगा रही है।
वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन ने पूरे पश्चिम बंगाल में अधिकांश सीटों पर कड़ी चुनौती पेश की है। आखिरी चरण के चुनाव में आखिरी मौके तक ममता की नींद उड़ी रहने की यही मुख्य वजह बताई जा रही है। ममता ने इन दोनों जिलों की 25 सीटों पर अपनी जीत को आसान माना था। माना था कि कुछ भी हो यहां 20 सीटें उनकी पार्टी जीत ही लेगी, लेकिन अब माना जा रहा है कि वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन की बयार तेज होने के साथ-साथ पिछले एक महीने में उनका गणित गड़बड़ाया है।
तृणमूल को हरेक सीट पर संघर्ष करना पड़ा है। दूसरी ओर छठे और अंतिम चरण में भी धमकी व हमले की परवाह किए बिना लोकतंत्र के पर्व में लोगों ने जमकर हिस्सा लिया और घरों से निकलकर बूथ पर पहुंचे। दो जिलों की 25 विधानसभा सीटों पर कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच आखिरकार मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। 25 सीटों पर शाम पांच बजे तक 84.24 फीसद मतदान हुआ। समय समाप्ति के बाद भी विभिन्न बूथों पर वोटरों की लंबी लाइन लगी थी। इसी के साथ पश्चिम बंगाल में छह चरणों में सात दिनों की मतदान प्रक्रिया समाप्त हो गई। अब सब की निगाहें 19 मई को होने वाली मतगणना पर टिक गई हैं।