चेन्नई: आदिवासी होने के कारण नहीं बल्कि इस वजह से परिवार को रोहिणी थिएटर में घुसने से रोका गया
तमिलनाडु के आदिवासी समुदाय के एक परिवार को चेन्नई के रोहिणी थिएटर में मूवी देखने से वंचित रखा गया। थिएटर के प्रबंधन ने बताया कि परिवार के सदस्य कानून के तहत मूवी देखने के लिए योग्य नहीं थे इसलिए उन्हें रोका गया था। (सांकेतिक तस्वीर)
चेन्नई, एजेंसी। तमिलनाडु के आदिवासी समुदाय के एक परिवार को चेन्नई के रोहिणी थिएटर में मूवी देखने से वंचित रखा गया। जबकि उस परिवार के पास मूवी के लिए टिकट उपलब्ध था।इसकी सूचना तुरंत ही थिएटर के प्रबंधन रोहिणी स्लिवर स्क्रीन मैनेजमेंट को दी गई।
पाथु थाला फिल्म देखने आया था परिवार
सूचना मिलते ही थिएटर के प्रबंधन ने पूरी घटना की जांच पड़ताल की। जिसके बाद में आदिवासी जाति के आए परिवार को मूवी देखने की अनुमति दे दी गई थी।
दरअसल यह घटना तब हुई जब एक परिवार अपने बच्चों के साथ रोहिणी थिएटर में दक्षिण की फिल्म पाथु थाला देखने आए थे। लेकिन टिकट होने के बावजूद भी उन्हें मूवी देखने से वंचित रखा गया था।
परिवार को मूवी देखने से रोका
रोहिणी स्लिवर स्क्रीन मैनेजमेंट ने इस घटना का संज्ञान लिया। उन्होंने अपने कर्मचारियों से पूरी घटना की पूछताछ ली।
जिसके बाद उन्होंने नोटिस जारी कर बताया कि आज हमारे थिएटर में कुछ लोगों को मूवी देखने से रोक दिया गया था।
उनके पास मूवी के टिकट उपलब्ध थे लेकिन हमारे टिकट चैकिंग स्टाफ ने उन्हें प्रवेश देने से इसलिए रोका था क्योंकि उनके बच्चों की उम्र फिल्म देखने के लिए उपयुक्त नहीं थी।
क्यों नहीं दिया गया प्रवेश
प्रबंधन के अधिकारी ने बताया कि जैसा की हम जानते हैं पाथु थाला फिल्म को अधिकारियों के द्वारा U/A सेंसर किया गया है।
इसलिए 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कानून के अनुसार U/A प्रमाणित किसी भी फिल्म को देखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
यही वजह है कि हमारे थिएटर के टिकट चैकिंग के स्टाफ ने 2, 6, 8 और 10 साल के बच्चों के साथ आए परिवार को इसी आधार पर एंट्री देने से इनकार किया था।
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बाद में परिवार को दी गई एंट्री
थिएटर प्रबंधन के अधिकारी ने नोटिस में यह भी कहा कि थिएटर में मौजूद लोगों ने बिना वजह जाने और स्थिति को समझे बिना इस मामले को किसी और दिशा में मोड़ दिया।
इसलिए किसी भी तरह की स्थिति न बिगड़े और को टालने के लिए परिवार को फिल्म शुरू होने से पहले ही थिएटर में एंट्री दे दी गई थी।