ठंड से पहले ही उबलने लगा चाय का प्याला, कोरोना के दौर में चाय पीने वालों की संख्या में हुई बढ़ोतरी
कोरोना काल में पहले से ही 40 फीसद मांग बढ़ी हुई है जो सर्दी में और बढ़ने की संभावना है। वर्तमान में चाय पत्ती के दाम में प्रति किलो 5-10 रुपये की नहीं सीधे 100 रुपये की तेजी आ चुकी है।
राधाकिशन शर्मा, बिलासपुर। ठंड से पहले ही चाय का प्याला गर्म होने लगा है। मांग के साथ ही चाय पत्ती में उबाल आना शुरू हो गया है। कोरोना काल में दिन में चार बार चाय पीने की डॉक्टरी सलाह के कारण पहले ही मांग 40 फीसद बढ़ी हुई है। इस बीच प्रति किलो खुली चाय पत्ती में 100-110 रुपये की तेजी आ गई है। बारिश की वजह से असम व पश्चिम बंगाल के चाय बागानों में फसल बीते वर्ष की तुलना में काफी कम है। इसके अलावा पत्तों में कीट प्रकोप की भी शिकायत मिल रही है। जबकि ठंड के मौसम में चायपत्ती की मांग बढ़ जाती है।
कोरोना काल में पहले से ही 40 फीसद मांग बढ़ी हुई है, जो सर्दी में और बढ़ने की संभावना है। वर्तमान में चाय पत्ती के दाम में प्रति किलो 5-10 रुपये की नहीं सीधे 100 रुपये की तेजी आ चुकी है। खुली चाय पत्ती ही नहीं ब्रांडेड कंपनियों ने भी कीमत बढ़ानी शुरू कर दी है। खुले में मिलने वाली चाय पत्ती में प्रति किलोग्राम 100 रुपये की तेजी आई है। इसके चलते जो बारीक चाय पत्ती एक महीने पहले 160 से 170 रपये किलो में मिल रही थी, वह अब 260 से 270 रुपये में मिल रही है।
मोटे दाने की चाय पत्ती का भी यही हाल है। इसमें 75 से 100 रुपये की तेजी के बाद नई कीमत 190 से 220 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंची है। हल्की चाय पत्तियां पहले 130 रुपये किलो पर मिल रही थी। वह अब 205 से 230 रुपये किलो पहुंच गई है।
इस बार मांग दो गुने से ज्यादा संभव
छत्तीसगढ़ में चाय के स्टाकिस्ट अतुल गुप्ता ने बताया कि चाय पत्ती का सीजन नवंबर से चालू हो जाता है। यह जनवरी के अंत तक माना जाता है। वैसे यह पूरे साल मांग में रहती है, लेकिन सीजन के तीन माह में मांग सामान्य दिनों की तुलना में दोगुनी हो जाती है। स्टाकिस्टों व रिटेलरों का कहना है कि आमतौर पर ठंड के सीजन में मांग बढ़ जाती है। इस बार इससे भी ज्यादा की उम्मीद है। वर्जन चाय पत्ती में प्रति किलोग्राम 100 रुपये की तेजी आ गई है। कोरोना संक्रमण को भी बड़ा कारण माना जा रहा है।