Move to Jagran APP

शहर भले ही छूट जाए, लेकिन पढ़ाई पर नहीं लगेगा ब्रेक; भारत सरकार ने जारी की खास गाइडलाइन

मंत्रालय ने राज्यों को जारी इस गाइडलाइन यह भी कहा है कि ऐसे बच्चों की पढ़ाई को आगे भी जारी रखने की पूरी व्यवस्था की जाए।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 11:21 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 11:23 PM (IST)
शहर भले ही छूट जाए, लेकिन पढ़ाई पर नहीं लगेगा ब्रेक; भारत सरकार ने जारी की खास गाइडलाइन
शहर भले ही छूट जाए, लेकिन पढ़ाई पर नहीं लगेगा ब्रेक; भारत सरकार ने जारी की खास गाइडलाइन

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लॉकडाउन के बीच बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और अपना काम-धंधा छोड़कर शहरों से पलायन कर गांवों में पहुंचे प्रवासी मजदूरों को किसी भी परेशानी से बचाने के लिए सरकार पूरी ताकत से जुड़ी है। इसी बीच मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उनके बच्चों की पढ़ाई पर ब्रेक न लगे, इसे लेकर अहम कदम उठाया है। इसके तहत जो बच्चा जहां है, अब उसे वहीं पढ़ाया जाएगा। इसके लिए मंत्रालय ने एक गाइडलाइन जारी सभी राज्यों से ऐसे बच्चों का डाटा जुटाने को कहा है। साथ ही निर्देश दिया है कि ऐसे बच्चों को बगैर किसी दस्तावेज यानी ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) के सिर्फ पहचान पत्र के आधार पर संबंधित कक्षाओं में प्रवेश दिया जाए।

loksabha election banner

मंत्रालय ने राज्यों को जारी इस गाइडलाइन यह भी कहा है कि ऐसे बच्चों की पढ़ाई को आगे भी जारी रखने की पूरी व्यवस्था की जाए। साथ ही उन्हें मिड-डे मील सहित दूसरी सरकारी योजनाओं का भी लाभ दिया जाए। किताबें, स्कूल ड्रेस आदि उन्हें उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ ही राज्यों से यह भी कहा है कि वह प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर ऐसे बच्चों की जानकारी जुटाए, जो शहरों से पलायन कर पहुंचे हैं। मंत्रालय का कहना है कि यह कोशिश की जाए कि कोई भी बच्चा जो शहरों से लॉकडाउन के दौरान गांव पहुंचा है, उसकी पढ़ाई न छूटे।

सभी राज्यों और केंद्रशासति प्रदेशों का डाटा तैयार करने को भी कहा

प्रवासी मजदूरों के बच्चों को पढ़ाने को लेकर पांच बिंदुओं पर जारी इस गाइडलाइन में मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से इसका डाटा भी तैयार करने को कहा है। इसमें स्कूल छोड़ने वाले बच्चों सहित गांवों में पहुंचे बच्चों का पूरा ब्योरा देने को कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में मंत्रालय ऐसे बच्चों को कुछ सीधी मदद भी दे सकता है। वैसे भी केंद्र इन दिनों प्रवासी मजदूरों का डाटा तैयार कर उन्हें स्थानीय स्तर पर कुछ काम देने की कोशिश में जुटा हुआ है। इसके तहत मनरेगा जैसी योजनाओं से ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को जोड़ा जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.